सूत्रों के मुताबिक यह ज्ञात हुआ हैं कि रतलाम के बंजली स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय बंजली मैं विज्ञान पढ़ाने वाली शिक्षिका सुनीता पवार जो कि अतिरिक्त शिक्षिका कि श्रेणी मैं आती हैं.. बच्चों को बिना कारण मारती हैं और जाति विभेदित शब्दों का उच्चारण कर बच्चों को अपशब्द बोलती हैं।
E-kbhar न्यूज के रिपोर्टर लोकेंद्र तंवर और यशवर्धन परिहार दिनांक 19 अक्टूबर, बंजली स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय में जानकारी इकट्ठा करने पहुंचे तब वहां के प्राचार्य हरिराम ओहरी एवं शिक्षक कुलदीप सिंह और विद्यालय मैं अध्ययनरत बच्चों व उनके पलकों से जानकारी प्राप्त हुई।
प्राचार्य हरिराम ओहरी ने बताया कि 17 अक्टूबर वाल्मीकि जयंती कि छुट्टी थीं अगले दिन सुनीता पवार शिक्षिका ने प्राचार्य को बताया कि विद्यालय के कुछ छात्र मेरे घर के सामने आकर मुझे अपशब्द बोल रहे थे आप उनसे कहिए कि मुझसे माफी मांगे। परंतु प्राचार्य ने जब विद्यालय के बच्चों से एवं अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की तो यह पाया कि बच्चे उस समय गांव में उपस्थित ही नहीं थे। प्राचार्य ने बताया कि शिक्षिका सुनीता पवार बच्चों के साथ बिना किसी कारण मारपीठ करती है इसकी शिकायत बच्चे प्राचार्य से पहले भी कर चुके है परंतु प्राचार्य का यह कहना है कि शिक्षिका छोटी छोटी बातों पर नाराज हो जाती है और स्टाफ के लोगो पर रिपोर्ट करवाने की धमकी देती है शिक्षिका एक बार प्रचार ओर शिक्षक कुलदीप सोलंकीजी के खिलाफ झूठा आवेदन दे चुकी हैं।
शिक्षक कुलदीप सोलंकीजी ने बताया कि शिक्षिका आएदिन बच्चों से मारपीट करती है और उन्हें क्लास से बाहर भी कर देती है, शिक्षिका विधवा है एवं उनका सुपुत्र दिव्यांग है इस बात का लाभ उठा कर शिक्षिका हमेशा अपने आप को बचाने की कोशिश करती है । शिक्षक ने बताया कि पिछले वर्ष शिक्षिका ने स्कूल से घर जाते हुवे बच्चों को चप्पल एवं लोहे के सरिए से मारा जिसके कारण विद्यालय की कुछ लड़कियों ने विद्यालय आना बंद कर दिया। कुलदीप सोलंकीजी ने बताया कि शिक्षिका ने उनका भी झूठा पत्र शिक्षा विभाग में भिजवाया हैं।
विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों ने बात का खुलासा करते हुए बताया कि शिक्षिका उन्हें उनकी जाति से संबंधित अपशब्द कहती है और उन्हें बार बार छोटी जाति में होने का अहसास करवाती हैं। बच्चों की दोस्ती और भाई बहन के रिश्ते को प्यार का नाम देकर बदनाम करती हैं, क्लास में बच्चों को छोटी छोटी गलतियों पर जो वस्तु हाथ में आती है उस वस्तु से मार देती है, चालू क्लास में बच्चों को गलियों के साथ संबोधित करती हैं,
बच्चों को झूठ बोलना सीखती हैं ,दूसरे शिक्षकों के नाम की झूठी वीडियो छात्रों एवं छात्राओं को डरा धमका कर बनवाती है और अपनी बातों को गुप्त रखने के लिये कहती है।
बच्चों के पलकों से बातचीत करने पर पता चला कि बच्चे घर आकर बहुत रोते है और बच्चों को शिक्षिका छोटी मोटी गलती पर भी बहुत मारती है एवं विद्यालय मैं शिक्षिका को समझाने के बावजूद शिक्षिका ने अपने व्यवहार में कोई बदलाव नहीं लिया उसके उपरांत बच्चों के माता एवं पिता अपने बच्चों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, वहां अधिकारियों ने समझाबुझा कर उन्हें यह कहकर भेज दिया कि हम आ रहे आप भी स्कूल पहुंचिए, परंतु छात्र ने बताया कि वहां कलेक्टर ऑफिस का कोई अधिकारी नहीं आया।
बंजली गांव के सरपंच पति भूरालाल डाबी ने बताया कि पिछले वर्ष शिक्षिका ने उन्हें भी जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया था और वहां जाने के बाद मुझे रिर्पोटिंग करने पर पता चला कि शिक्षिका का कहना हैं, ” कि प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता , और प्रशाशन को वह पेसो से खरीद सकती हैं। ” ये बाते शिक्षिका अपने स्टाफ के शिक्षकों एवं छात्राओं से करती है।
रिर्पोटिंग के दौराने पता चला है कि शिक्षिका सुनीता पवार की नौकरी के केवल 4 वर्ष शेष बचे हैं और वह बच्चों को केवल लिखवाती है और समझती या पढ़ाती कुछ नहीं है तथा छोटी मोटी गलतियों पर बच्चों को पिटती है और अपने स्टाफ के शिक्षकों पर झूठे इल्ज़ाम लगाती हैं।
ई खबर मीडिया के लिए लोकेंद्र तंवर की रिपोर्ट