निर्मला आंटी, जो मूल रूप से काठमांडू की रहने वाली हैं, पिछले 13 सालों से ग्रेटर नोएडा के एक इलाके में मोमोज और चाइनीस फूड का ठेला लगाकर अपने परिवार का पेट पाल रही थीं। उनके स्टॉल पर 23 कर्मचारी काम करते थे, जिनके परिवार भी इस रोजगार पर आश्रित थे। निर्मला आंटी का मोमोज स्टॉल इलाके में बेहद लोकप्रिय था और उनके मोमोज की गुणवत्ता के लिए जाना जाता था। लोगों को उनके बनाए मोमोज का स्वाद और सफाई बहुत पसंद थी। उनके व्यवसाय की सफलता और ग्राहकों की भारी तादाद ने आस-पास के पक्की दुकानों के मालिकों को नाराज कर दिया था, जो शायद उनकी बढ़ती लोकप्रियता से जलते थे।
हाल ही में, एक साजिश के चलते निर्मला आंटी को अपने ठेले से हाथ धोना पड़ा। इलाके में एक अन्य व्यक्ति भी मोमोज का ठेला लगाना चाहता था, लेकिन निर्मला आंटी की उपस्थिति उसकी राह का बड़ा रोड़ा थी। इस समस्या को हल करने के लिए उस व्यक्ति ने नगर निगम के कुछ कर्मचारियों और एक यूट्यूबर के साथ मिलकर एक योजना बनाई। इस साजिश का उद्देश्य निर्मला आंटी को बदनाम कर उनके ठेले को हटवाना था, ताकि नए ठेले को स्थापित करने का मौका मिल सके।
साजिश के तहत यूट्यूबर ने निर्मला आंटी के मोमोज को गलत तरीके से मिलावटी और घटिया साबित करने वाले वीडियो बनाए और उन्हें यूट्यूब पर डाल दिया। इन वीडियो में दिखाया गया कि उनके मोमोज में स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता और वे खराब सामग्री से बनाए जाते हैं। नगर निगम के कर्मचारी भी इन आरोपों से प्रभावित होकर कार्रवाई करने पर मजबूर हो गए। इसके परिणामस्वरूप निर्मला आंटी का ठेला बंद करवा दिया गया और उन्हें अपने रोज़मर्रा के धंधे से हाथ धोना पड़ा। मोमोज के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। इसके बावजूद, इस साजिश की वजह से उनका व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है।
निर्मला आंटी और उनके परिवार के लिए यह घटना एक बड़ा झटका है। वे प्रवासी हैं, और भारत में रोजगार की तलाश में आए थे। उनका पूरा परिवार और उनके 23 कर्मचारी इस ठेले पर निर्भर थे। निर्मला आंटी का कहना है कि वे हमेशा स्वच्छता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखती आई हैं, और इस प्रकार की झूठी शिकायतें उनके विरोधियों द्वारा रची गई हैं, जो उनकी सफलता से जलते हैं।
इलाके के अन्य प्रवासी और स्थानीय लोग भी निर्मला आंटी के समर्थन में हैं। उनका कहना है कि निर्मला आंटी के मोमोज की गुणवत्ता और स्वच्छता पहले जैसी ही है, और इस प्रकार की साजिश उन्हें नीचा दिखाने के लिए की गई है। उनका यह भी कहना है कि निर्मला आंटी के मोमोज का स्वाद वैसा ही है जैसा हमेशा से था, और यह घटना उनके प्रति जलन रखने वालों की करतूत है।
निर्मला आंटी और उनका परिवार प्रशासन और मीडिया से अपील कर रहे हैं कि उन्हें दोबारा अपना ठेला लगाने की अनुमति दी जाए। वे यह भी आश्वासन दे रहे हैं कि वे भविष्य में भी स्वच्छता और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखेंगे, ताकि उनके ग्राहक संतुष्ट रहें। उनके लिए यह ठेला केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि उनके और उनके कर्मचारियों के परिवारों का जीवनयापन का साधन है।
इस घटना ने केवल निर्मला आंटी के परिवार को ही नहीं, बल्कि उनके कर्मचारियों के परिवारों को भी प्रभावित किया है। उनका कहना है कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, और अगर जल्द ही ठेला फिर से शुरू नहीं हुआ, तो उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।