मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर प्रशासनिक लापरवाही से अवैध गतिविधियों की संभावनाएं बढ़ रही हैं। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के परासी गांव से कुछ किलोमीटर दूर बेडवा नाले के पास स्थित मध्यप्रदेश बॉर्डर पर बने बैरियर पर सुरक्षा कर्मियों की गैरमौजूदगी ने एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। हालत यह है कि यहां अधिकारी और सुरक्षा बल नदारद हैं, और बैरियर पर निगरानी के लिए केवल कुर्सी और टेबल ही मौजूद हैं।
धान तस्करी की संभावना बढ़ी
सीमा पर यह लापरवाही धान तस्करी को बढ़ावा दे सकती है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच धान के समर्थन मूल्य में भारी अंतर है, जिसके चलते तस्कर आसानी से धान को एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाकर ऊंचे दामों पर बेच सकते हैं। प्रशासन द्वारा धान तस्करी रोकने के लिए बनाए गए नियम सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति के कारण प्रभावी नहीं हो पा रहे हैं।
ग्रामीणों में नाराजगी
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन की इस उदासीनता पर कड़ा ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि सीमा पर तस्करी रोकने के लिए बनाए गए बैरियर पर अधिकारी और जवान अक्सर ड्यूटी से नदारद रहते हैं। जब बैरियर पर निगरानी का अभाव होता है, तो तस्करों को अपनी गतिविधियों को अंजाम देने में कोई दिक्कत नहीं होती। ग्रामीणों ने इस मुद्दे को कई बार प्रशासन के सामने उठाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
अन्य तस्करी गतिविधियों का खतरा
धान के अलावा, अन्य सामग्रियों की अवैध तस्करी की संभावना भी इस लापरवाही के कारण बढ़ सकती है। सुरक्षा कर्मियों की गैरमौजूदगी तस्करों को हौसला दे रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती तस्करी राज्य की आर्थिक व्यवस्था और कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
प्रशासन के लिए चुनौती
यह स्थिति प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है। सीमा पर तस्करी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षा बलों की नियमित तैनाती सुनिश्चित करनी होगी और आधुनिक निगरानी उपकरणों का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, जो अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
यह लापरवाही न केवल तस्करी की संभावनाओं को बढ़ा रही है, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा और शांति को भी खतरे में डाल रही है। प्रशासन को इस समस्या को प्राथमिकता पर हल करना होगा, ताकि सीमा पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित की जा सके और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
ई खबर मीडिया के लिए सूरज कुमार की रिपोर्ट