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ग्राम मुल्हेड़ा में दबंगई का तांडव: खेत पर कब्जा, महिलाओं से बदसलूकी, प्रशासन से न्याय की पुकार!

आज हम बात करेंगे एक पीड़िता परिवार की जिन्होंने
मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार: ग्राम मुल्हेड़ा में दबंगई का आतंक, पीड़ित परिवार ने प्रशासन से लगाई गुहार

दबंगों ने खेत पर किया कब्जा, महिलाओं को पीटा, थाने में नहीं हुई सुनवाई

मेरठ, 08 जनवरी 2025:
मेरठ जिले के सरधना तहसील के ग्राम मुल्हेड़ा में दबंगों की दबंगई चरम पर है। इस बार इन दबंगों ने गांव के किसान देवेंद्र शर्मा और उनके परिवार को अपनी हिंसा और बदसलूकी का शिकार बनाया। पीड़ित देवेंद्र शर्मा ने आरोप लगाया कि कुलदीप पुत्र बुद्ध सिंह, शिवओम पुत्र दलेल सिंह, सुनील पुत्र बुद्ध सिंह और अन्य 20 हथियारबंद लोग उनके खेत पर जबरन कब्जा करने और फसल उखाड़ने पहुंचे।

घटना 7 जनवरी की है, जब पीड़ित अपने खेत पर मौजूद थे। अचानक दबंग हथियार लेकर वहां पहुंचे और फसल उखाड़ने लगे। देवेंद्र शर्मा ने विरोध किया, तो दबंगों ने न सिर्फ उन्हें बल्कि उनके परिवार की महिलाओं को भी बुरी तरह पीटा। महिलाओं के कपड़े तक फाड़ दिए गए, जिससे उनकी इज्जत पर चोट पहुंची।

पुलिस का रवैया भी सवालों के घेरे में
इस घटना के बाद जब पीड़ित परिवार ने न्याय की आस में थाना सरधना का रुख किया, तो वहां की पुलिस ने उनका साथ देने के बजाय उन्हें भगा दिया। देवेंद्र शर्मा का आरोप है कि थाने में मौजूद कुलदीप का एक रिश्तेदार, जो खुद पुलिसकर्मी है, ने मामले को दबाने की कोशिश की। थानाध्यक्ष ने भी पीड़ित की शिकायत सुनने से इनकार कर दिया और कहा, “वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलो, नहीं तो सबको जेल भेज दूंगा।”

दबंगों का आतंक और प्रशासन की चुप्पी
गांव में दबंगों का इतना खौफ है कि स्थानीय लोग उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहे। यह घटना केवल देवेंद्र शर्मा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए भय का माहौल पैदा कर रही है। दबंगों की इस करतूत के बावजूद, प्रशासन और पुलिस का लापरवाह रवैया गंभीर सवाल खड़े करता है।

पीड़ित की मांग
देवेंद्र शर्मा ने जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की है कि:

1. आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया जाए।

2. पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए।

3. सरधना थाने के थानाध्यक्ष और संबंधित पुलिसकर्मी पर लापरवाही का मामला दर्ज किया जाए।

देवेंद्र शर्मा का बयान
“हमने उम्मीद की थी कि पुलिस हमारी मदद करेगी, लेकिन हमें वहां से भगा दिया गया। दबंगों का खौफ इतना है कि वे खुलेआम हमें और हमारे परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। अब हमें न्याय की आस सिर्फ प्रशासन से है। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाता हूं।”

पीड़ित परिवार असुरक्षित
घटना के बाद से पीड़ित परिवार दहशत में है। महिलाओं के साथ हुई बदसलूकी ने समाज को भी झकझोर दिया है। ग्रामीणों ने भी इस मामले में प्रशासन से न्याय की अपील की है।

प्रार्थी का विवरण:
देवेंद्र शर्मा पुत्र श्री रतन सिंह
निवासी: ग्राम मुल्हेड़ा, तहसील सरधना, जिला मेरठ मोबाइल नंबर 9536722435

सवाल उठाता यह मामला
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने की जरूरत है। दबंगों की बढ़ती ताकत और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता आम आदमी को न्याय से दूर कर रही है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं जिला मेरठ प्रशासन के समक्ष न्याय की अपील

सादर निवेदन:

माननीय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय,
जिला मेरठ प्रशासन के सभी संबंधित अधिकारीगण,
आदरणीय साथियों और समस्त उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों,

मैं, देवेंद्र शर्मा, ग्राम मुल्हेड़ा, तहसील सरधना, जिला मेरठ का निवासी, आज आपके समक्ष एक गंभीर और आपातकालीन विषय लेकर उपस्थित हुआ हूँ। मेरा उद्देश्य केवल अपनी और मेरे परिवार की नहीं, बल्कि हमारे पूरे गांव के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवाज उठाना है।

घटना का विवरण:

दिनांक 7 जनवरी 2025 को, हमारे ग्राम मुल्हेड़ा में एक ऐसी घटना घटी जिसने हमारे जीवन में अराजकता और भय की छाया फैला दी। कुछ दबंगों, जिनमें कुलदीप पुत्र बुद्ध सिंह, शिवओम पुत्र दलेल सिंह, सुनील पुत्र बुद्ध सिंह और अन्य 20 हथियारबंद व्यक्ति शामिल थे, हमारे खेत पर जबरन कब्जा करने और फसल उखाड़ने के उद्देश्य से आए। इस अत्याचार के दौरान, न केवल मेरा बल्कि मेरे परिवार की महिलाओं का भी बुरी तरह पीटा गया। उनकी इज्जत का ठेस पहुंचाने के लिए उनके कपड़े फाड़ दिए गए।

पुलिस की लापरवाही:

इस निंदनीय घटना के पश्चात, हमने न्याय की उम्मीद में थाना सरधना का रुख किया। परन्तु, वहाँ की पुलिस ने हमारा समर्थन करने के बजाय हमें थाने से भगा दिया। थानाध्यक्ष ने यह कहते हुए हमें वहाँ से निकाल दिया, “मैं कुछ नहीं कर सकता, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिलो नहीं तो सबको जेल भेज दूंगा।” यह स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही और पक्षपात को दर्शाता है।

हमारी मांग:

1. अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई: उन दबंगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए।

2. परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करना: हमारे परिवार की सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम किए जाएं ताकि हम पर कोई हमला न कर सके।

3. थानाध्यक्ष सरधना पर लापरवाही का मामला: थानाध्यक्ष और संबंधित पुलिसकर्मियों की लापरवाही और पक्षपात के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

न्याय की अपील:

हमने प्रशासन से न्याय की उम्मीद की थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने हमारी आवाज नहीं सुनी। हमें अब मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाने की जरूरत महसूस हो रही है। हम चाहते हैं कि उच्च अधिकारियों की नज़र इस मामले पर पड़े और न्याय सुनिश्चित किया जाए।

समाज की भूमिका:

यह घटना केवल मेरे परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए भय का माहौल पैदा कर रही है। दबंगई के इस दौर में, हमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सजग और जागरूक होने की आवश्यकता है। हमें मिलकर इस बुराई के खिलाफ आवाज उठानी होगी और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना होगा।

अंतिम शब्द:

माननीय अधिकारीगण, हम आपसे निवेदन करते हैं कि इस मामले की गहराई से जांच करें और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। हमें न्याय दिलाने में हमारा समर्थन करें ताकि हम सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकें।

हम सभी को मिलकर इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने में कोई भी कमियों का सामना न करे। न्याय की प्राप्ति ही समाज की प्रगति का आधार है।

आपका क्या कहना है?
इस घटना पर आपकी राय क्या है? हमें बताएं और दबंगई के खिलाफ आवाज उठाने में हमारा साथ दें।

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