दिल्ली। प्यार और शादी को लेकर अक्सर समाज में विवाद देखने को मिलते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह सिर्फ असहमति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि नवविवाहित जोड़ों को जबरन अलग करने की कोशिशें भी की जाती हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के किरारी सुलेमान नगर से सामने आया है, जहां नीतू और अनुभव कुमार शर्मा की शादी के बाद उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं।
“शादी हुई, फिर साजिश शुरू!”
नीतू और अनुभव ने 14 फरवरी 2025 को आर्य समाज विवाह मंडल, गाजियाबाद में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की थी। शादी के बाद उन्होंने 17 फरवरी को सब-रजिस्टार कार्यालय में अपनी शादी का विधिवत पंजीकरण भी करवा लिया। आमतौर पर शादी के बाद नवविवाहित जोड़े हनीमून की योजना बनाते हैं, लेकिन यहां कहानी कुछ और ही मोड़ ले चुकी थी।
शादी के कुछ ही दिनों बाद, नीतू के परिवार वालों ने उसे मिलने के लिए बुलाया और यह कहकर समझाने लगे कि वे शादी को “धूमधाम से समाज के सामने” फिर से करवाना चाहते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक बहाना था। नीतू जैसे ही अपने माता-पिता के घर पहुंची, उसे जबरन वहीं रोक लिया गया, घर में छुपाकर रखा गया और किसी से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी गई।
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“नवविवाहित जोड़े को धमकियां”*
नीतू का आरोप है कि उसके परिवार वाले और रिश्तेदार उसकी शादी से नाराज हैं और उसे व उसके पति को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उनका इरादा उसे किसी और से शादी कराने का है।
नीतू ने पुलिस को दिए गए अपने बयान में साफ कहा है कि उसने अपनी मर्जी से, बिना किसी दबाव के शादी की थी, और अब उसे जबरन अलग किया जा रहा है।
नीतू ने अपने पति अनुभव के जीजा मिश्रलेश शर्मा, भाई कृष्णा और पिता सुग्रीव के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। उसने मांग की है कि उसे और उसके पति को पुलिस सुरक्षा दी जाए, ताकि वे बेखौफ अपनी शादीशुदा जिंदगी जी सकें।
“प्यार की राह में समाज की दीवार!”
यह मामला सिर्फ एक जोड़े की शादी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत में अब भी प्रचलित सामाजिक दबाव, पारिवारिक दखल और पितृसत्तात्मक सोच का उदाहरण है।
अक्सर देखा जाता है कि अगर शादी परिवार की मर्जी के खिलाफ होती है, तो लड़की को भावनात्मक दबाव, धमकी, जबरन कैद, और कभी-कभी नशीली दवाओं तक का शिकार बनाया जाता है।
इस मामले में भी यही आशंका जताई जा रही है कि नीतू को या तो शादी के लिए मजबूर किया जा सकता है या फिर उसकी मानसिक स्थिति को कमजोर करने के लिए कोई दबाव डाला जा सकता है।
“क्या पुलिस करेगी इंसाफ?”
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस नवविवाहित जोड़े की सुरक्षा की गारंटी देगी?
क्या नीतू अपने परिवार वालों के चंगुल से बाहर निकलकर अपने पति के पास जा सकेगी?
या फिर यह मामला भी उन सैकड़ों मामलों में से एक बनकर रह जाएगा, जहां प्यार को सामाजिक जंजीरों में जकड़ दिया जाता है?
फिलहाल, नीतू ने थाना अध्यक्ष को पत्र लिखकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है, और क्या नीतू और अनुभव को न्याय मिल पाएगा?