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अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ कई देशों को करेगा टारगेट, जानें ट्रंप प्रशासन किसे बता रहा है ‘Dirty 15’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर में पहला टारगेट कुछ चुनिंदा देश होंगे। इसे लेकर अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने परोक्ष रूप से ‘डर्टी-15’ नाम के देशों के समूह का उल्लेख किया है। जानिए ये देश कौन से हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के कई देशों पर जवाबी शुल्क यानी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसे ट्रंप सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। इसे अमेरिका के मुक्ति दिवस के रूप में भी प्रचारित किया जा रहा है। ट्रंप ने अमेरिकी वस्तुओं पर भारत और अन्य देशों की ओर से लगाए गए उच्च शुल्क की बार-बार आलोचना भी की है। अब इसे लेकर ट्रंप प्रशासन ने नियमों की एक सूची जारी की, जिसे वो अपने देश के लिए व्यापार बाधा मानते हैं।

‘डर्टी-15’ देश
ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि टैरिफ का पहला टारगेट कुछ चुनिंदा देश होंगे, जिनका अमेरिका के साथ व्यापार घाटा ज्यादा है। अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने ‘डर्टी-15’ नाम के देशों के समूह का जिक्र भी किया है। बेसेन्ट ने कहा है कि ये वो देश हैं जो अमेरिका के 15 फीसदी व्यापारिक साझेदार हैं लेकिन अमेरिकी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाते हैं। हालांकि, बेसेन्ट ने यह साफ तौर पर नहीं कहा कि कौन-कौन से देश इस श्रेणी में आते हैं, लेकिन अमेरिकी व्यापार का डेटा ऐसे ‘डर्टी-15’ देशों की जानकारी देता है।

‘डर्टी-15’ देशों में कौन-कौन?
अमेरिकी वाणिज्य विभाग के 2024 के व्यापार घाटे के आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका का चीन के साथ सबसे ज्यादा व्यापार घाटा है, उसके बाद यूरोपीय संघ, मेक्सिको, वियतनाम, आयरलैंड, जर्मनी, ताइवान, जापान, दक्षिण कोरिया, कनाडा, थाईलैंड, भारत, इटली, स्विट्जरलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया का स्थान आता है। ट्रंप लंबे समय से कहते रहे हैं कि ये देश ज्यादा टैक्स वसूल कर अमेरिका को लूट रहे हैं। ये देश सामूहिक रूप से अमेरिकी व्यापार घाटे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं।

21 देशों की हुई है पहचान
वैसे देखा जाए तो अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय ने 21 देशों की पहचान की है, जिनके बारे में कहा गया है कि वो अमेरिका के साथ अनुचित व्यापार की नीति अपना रहे हैं, इसलिए इनके व्यापार संबंधों की भी समीक्षा की जानी चाहिए। इस सूची में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्विट्जरलैंड, ताइवान, थाईलैंड, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम शामिल हैं।

कितना लगेगा टैरिफ?
ट्रंप प्रशासन किस देश पर कितना टैरिफ लगाएगा, इसका ऐलान नहीं हुआ है लेकिन यह कहा जा रहा है कि जो देश जितना टैक्स अमेरिकी सामानों पर लगा रहा है, उतना ही टैक्स अमेरिका उनके सामानों पर भी लगाएगा। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी दुग्ध उत्पादों पर यूरोपीय संघ 50 प्रतिशत शुल्क और अमेरिकी चावल पर जापान 700 प्रतिशत शुल्क लेता है। अमेरिकी कृषि उत्पादों पर भारत 100 प्रतिशत और अमेरिकी मक्खन एवं पनीर पर कनाडा करीब 300 प्रतिशत शुल्क वसूलता है। यानी इन देशों के उत्पादों पर भी अमेरिका इतना ही जवाबी शुल्क या इससे ज्यादा भी लगा सकता है।

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