प्रयागराज:- आज के दौर में रिश्तों का ताना-बाना कब टूट जाए, यह कहना मुश्किल है। ऐसा ही एक मामला प्रयागराज जिले से सामने आया है, जहाँ 22 वर्षीय शिव शंकर केसरवानी ने अपने प्रेम, भरोसे और भविष्य को लेकर जो सपने देखे थे, वो अब एक दर्दनाक हकीकत में बदल गए हैं।
शिव शंकर केसरवानी, जिनके पिता लालचंद केसरवानी हैं, तीन भाई और तीन बहनों वाले इस मध्यमवर्गीय परिवार का युवक है। वह खुद की टाटा एसी मैजिक गोल्ड गाड़ी चलाकर गुज़ारा करता है और मेहनत से अपना कारोबार जमाने की कोशिश में लगा हुआ है।
प्रेम की शुरुआत और वादों का सिलसिला
शिव शंकर की मुलाकात मानसिक तनु केसरवानी नाम की युवती से हुई। शुरुआत दोस्ती से हुई और जल्द ही ये रिश्ता प्यार में बदल गया। लड़की की मां, मंजू केसरवानी शुरू में इस रिश्ते के खिलाफ थीं, लेकिन समय बीतने के साथ उन्होंने भी मौखिक सहमति दे दी और कहा कि सगाई व शादी तुम्ही से करवाएंगी।
शिव शंकर के अनुसार, मानसी उर्फ तनु और उसकी मां ने सगाई और शादी के सपने दिखाए। पिछली दीपावली पर लड़की ने अलग घर बनवाने की इच्छा जताई, जिसे पूरा करने की दिशा में शिव शंकर ने कदम उठाए। यहां तक कि मुंबई जाकर एक साल तक काम किया, नया बिजनेस शुरू किया और उसमें लाखों का नुकसान सहा, पर उम्मीदों का दामन नहीं छोड़ा।
लेकिन अब बदले हालात और बढ़ता तनाव
अब शिव शंकर का आरोप है कि लड़की और उसकी मां ने अपना रंग बदल लिया है। जहां एक समय लड़की हां कहती थी, अब वही कह रही है कि “होश में बात करना।” वहीं मंजू केसरवानी, जो कभी शादी की हामी भर रही थीं, अब धमकियों पर उतर आई हैं – “तेल लगवा दूंगी, केस करवा के जेल भिजवा दूंगी, मार पिटवा दूंगी” जैसे शब्द शिव शंकर को सुनने को मिले हैं।
शिव शंकर का कहना है कि उसकी प्रेमिका तनु और उसकी मां ने मिलकर उससे न सिर्फ भावनात्मक रूप से खेला, बल्कि करीब 50-60 हजार रुपए खर्च करवाए। ऊपर से जब उसने दोबारा सगाई की बात की, तो चोरी-छुपे किसी और से सगाई करने की तैयारी शुरू हो गई।
धोखा, दबाव और सवाल उठाता समाज
इस पूरे घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या आज के समय में एक साधारण युवक को प्रेम करना, रिश्ते निभाना और शादी के सपने देखना इतना महंगा पड़ सकता है? क्या लड़की की मां को कानून और सामाजिक मर्यादा का भय नहीं है, जो खुलेआम धमकी देती हैं?
शिव शंकर कहते हैं, “मुझे सिर्फ इंसाफ चाहिए। मैं मानसी उर्फ तनु से शादी करना चाहता हूं, लेकिन उसकी मां ने हमें तोड़ दिया, लूटा और अब हमें धमका रही हैं।”
एक अपील और न्याय की उम्मीद
शिव शंकर चाहते हैं कि समाज, प्रशासन और मीडिया इस मामले को गंभीरता से ले। उन्हें न्याय मिले, उनके रिश्ते को मजबूरी नहीं, समझदारी से देखा जाए।
यह केवल एक युवक की कहानी नहीं, बल्कि उस वर्ग की भी आवाज़ है जो प्रेम और भरोसे को अब भी सबसे बड़ा रिश्ता मानता है। समाज को यह सोचने की ज़रूरत है कि प्रेम अब सौदेबाज़ी और चालबाज़ी में कब और क्यों बदल रहा है।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट