किसान महापंचायत लोकसभा प्रभारी भरतराज मीना ने धरना स्थल पर किसानों को सम्बोधित करतें हुए बताया फ़सल बीमा योजना, आपदाएं राहत कोष का पैसा किसानों को 8 माह बाद भी नहीं मिला।
किसान महापंचायत ज़िला अध्यक्ष गोपीलाल जाट ने बताया कि गांव-गांव जाकर क़ृषि उपज मंडी समिति टोंक में चल रहे किसान आंदोलन की जानकारी देने के लिए हाथ खड़े कराकर संकल्प दिलाया।
निवाई अध्यक्ष दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि ईसरदा बांध से टोंक जिले के 39 गांवों की जमीन एवं परिसम्पतिया प्रभावित होंगी। निवाई पीपलू के वंचित गांवों को नहरी तंत्र से जोड़ा जाकर किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत की जा सकतीं हैं।
बिसलपुर,गलवा,टोरडी सागर, एवं मासी बांध नहरों की सफाई व्यवस्था तत्काल आरम्भ हो बीसलपुर बांध पोल्याडा के पास दायीं नहर में 50 ट्रोले पत्थर मिट्टी को निकालें एवं बायी नहर की संरचना में परिवर्तन करके टेल तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायें।
ईसरदा बांध विस्थापितों किसानों को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार एक वर्ष समयावधि दो बार छः छः महीने बढ़ाई गई जिसकी अवधि 03-04-2017 थी।
कानून के अनुसार कार्यवाही नहीं होने के कारण विस्थापितों को 4,44000 रूपये तय हुआ। जबकि वर्तमान मुआवजा 11,80000 रूपए एक बीघा जमीन का दिया जाना चाहिए।
बिसलपुर बांध विस्थापितों 1998 से सवाचक भूमि पर बस रहें हैं जबकि सरकार ने आदेश निकालें हैं कि 2017 से सवाचक जमीन पर बसें होने से आबादी घोषत किया जायें। एवं मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जायें। कलेक्टर द्वारा लाईट लगाने का आश्वासन दिया उसके 6 माह बाद भी लाईट नहीं लगाई गई।
निवाई,पीपलू में वर्ष 2024-25 खरीफ फसलों अतिवृष्टि से फसलों 75-100% होने के उपरांत भी खराबा नहीं दिखाया गया। इसको वर्षा रिकॉर्ड तहसील को मिलाकर आधार बनाकर खराबा की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजें।
सुअरों द्वारा फ़सलो कों समाप्त किया जा रहा है। इन्हें रोकने के उपाय के लिए उपखंड अधिकारी निवाई टोंक से सहमति होने के उपरांत भी कार्ययोजना तैयार नहीं हों रहीं हैं।
बे-सहारा पशुओं के लिए बनेठा से ककोड़ 10 हजार बीघा जमीन को गौअभ्यारण्य बनाया जायें।
निवाई कृषि उपज मंडी समिति सचिव द्वारा नियमों के विरुद्ध एवं पद का दुरुपयोग 400-500 ग्राम वज़न अधिक लेनें वालें व्यापारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करके किसान नेताओं के खिलाफ ही षड्यंत्र रचना आरम्भ कर दिया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नये बनेठा, जोधपूरिया , डारडा हिन्द, सोड़ा,बरोल,निवारिया,
पोल्याडा,नगर फोर्ट, गोठड़ा, जामडोली, गुन्सी , डागरथल, सुरेली , मेहंदवास आदि केंद्र खोले जाये।
गलवा बांध उनियारा का निर्माण 1960 में सिंचाई सुविधा के लिए बना उसके उपरांत भी किसानों को अनदेखा करके कल्पतरु पावर प्लांट को दिया जाता है। जिससे बांध निर्माण उद्देश्यों का पालना करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजें ।
पानी बंटवारे के अनुसार बिसलपुर बांध की भराव क्षमता 38.77 टीएमसी होने से किसान का हिस्सा 9.15 टीएमसी बनता है। बंटवारे में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया जाने से 8 टीएमसी सिंचाई किया गया है।
2024-25 में बांध छोड़ने के समय 9 टीएमसी के प्रस्ताव को राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने की सहमति व्यक्त हुई।
धरना प्रदर्शन में युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, लोकसभा प्रभारी भरतराज मीना, प्रदेश मंत्री रतन खोखर, जिलाध्यक्ष गोपीलाल जाट , संयोजक बद्री लाल गुर्जर, बाबूलाल नागर,महामंत्री हरिशंकर धाकड़, उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल, टोंक अध्यक्ष सीताराम मीना, भरत मीना करिरया, प्रभु मीना,रामकरण पासरोटिया गणेश जाट आदि।