चितवड़ागांव (बलिया): बलिया जिले के रामपुर गांव में वर्षों से चल रहे जमीन विवाद और आपसी रंजिश को लेकर जहां प्रशासनिक स्तर पर सुलह की खबर आई, वहीं अब मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। पहले यह बताया गया कि अंजनी कुमार उर्फ पतरू पुत्र स्वर्गीय कवलधारी गोंड और चंद्रावती देवी पत्नी रामशीष मंडल के बीच आपसी सहमति से सुलहनामा हो गया है, लेकिन अब खुद अंजनी कुमार ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है।
“सुलहनामा हमें मंजूर नहीं, यह एकतरफा और दबाव में किया गया है” – अंजनी कुमार उर्फ पतरूपुरानी रंजिश खत्म करने का दावा झूठा? अंजनी उर्फ पतरू और चंद्रावती देवी में सुलहनामा पर फिर उठे सवाल, अंजनी बोले – हमें मंजूर नहीं, न्याय की मांग
पत्रकारों से बात करते हुए अंजनी कुमार उर्फ पतरू ने स्पष्ट कहा कि जिस सुलहनामे की बात प्रशासन और कुछ लोगों द्वारा की जा रही है, वह उनकी जानकारी और सहमति के बिना तैयार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके परिवार की संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद अभी भी जस का तस है और उसमें कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा – “हमारी जमीन और मकान का न्यायसंगत बंटवारा आज तक नहीं हुआ है। हमने किसी सुलह पर दस्तखत नहीं किए और न ही हमें इसकी जानकारी थी।”
“प्रशासन से न्याय की अपील, जमीन का सही बंटवारा चाहिए”
अंजनी कुमार ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें जमीन के बंटवारे में उचित सहायता दी जाए ताकि वर्षों से चला आ रहा पारिवारिक विवाद शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो सके। उन्होंने कहा कि वे किसी भी झगड़े के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन जबरन या एकतरफा सुलह उन्हें स्वीकार नहीं।
क्या है सुलहनामे में?
पूर्व में तैयार किए गए सुलहनामे के अनुसार, दोनों पक्ष एक ही मकान में शांतिपूर्वक रहने और भविष्य में किसी तरह का झगड़ा, मारपीट या शिकायत न करने पर सहमत हुए थे। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया था कि वे न्यायालय के माध्यम से विधिवत संपत्ति का बंटवारा कराएंगे। इस सुलहनामे को दस्तावेजी रूप में भविष्य की कानूनी कार्रवाई के लिए सहेजने की बात भी कही गई थी।
दूसरे पक्ष की चुप्पी पर सवाल
चंद्रावती देवी की ओर से इस विवाद पर कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, अंजनी कुमार का कहना है कि दूसरे पक्ष के लोग अभी भी संपत्ति को लेकर मनमानी कर रहे हैं और किसी भी प्रकार का न्यायसंगत समाधान नहीं देना चाहते।
समाज और प्रशासन की निगाहें अब इस मामले पर
रामपुर गांव का यह पारिवारिक मामला अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग जानना चाहते हैं कि क्या सच में सुलहनामा हुआ था या यह प्रशासन द्वारा विवाद को कागजी रूप से शांत करने का प्रयास था। अंजनी कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों से यह स्पष्ट है कि विवाद पूरी तरह सुलझा नहीं है और अब प्रशासन पर न्यायसंगत बंटवारे और पारदर्शिता की जिम्मेदारी बढ़ गई है।
क्या लिखा था सुलाहनामा में
पुरानी रंजिश हुई खत्म, आपसी सहमति से समझौता: दोनों पक्ष रहेंगे एक ही मकान में, न्यायालय से बंटवारा कराने पर सहमत
वर्षों पुरानी आपसी रंजिश और जायदाद विवाद को समाप्त करते हुए अंजनी उर्फ पतरू पुत्र स्वर्गीय कवलधारी गोड निवासी ग्राम रामपुर और चन्द्रावती देवी पत्नी रामशीष मंडल निवासी रामपुर थाना चितवड़ागांव, जिला बलिया ने आपसी सहमति से सुलहनामा किया है।
सुलहनामे के अनुसार, दोनों पक्ष अब पुरानी तरह एक ही मकान में शांतिपूर्वक रहेंगे और किसी भी प्रकार का झगड़ा, गाली-गलौज या विवाद नहीं करेंगे। साथ ही दोनों पक्ष यह भी सहमत हुए हैं कि वे अपने हिस्से का बंटवारा माननीय न्यायालय के माध्यम से विधिवत रूप से कराएंगे। जब तक बंटवारे की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती, वे किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई या शिकायत नहीं करेंगे।
सुलहनामा में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह लिखित समझौता भविष्य में किसी भी जरूरत या कानूनी कार्यवाही के समय सहायक होगा।
प्रथम पक्ष: अंजनी कुमार गोंड उर्फ पतरू
पता: ग्राम व पोस्ट – रामपुर चिट, थाना चितवड़ागांव, बलिया (UP)
पिनकोड: 277202
पुत्र: 1. रामशीष गौड़, 2. अंजनी कुमार गौड़
दूसरे पक्ष जिनके नाम रामाशीष गौड़ की पत्नी पत्नी चंद्रावती देवी
अंजनी कुमार उर्फ पत्रु ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अभी दोनों में सुलहा नामा नहीं हुआ है और मकानों विवादों ज्यों का त्यों बना हुआ है। अंजलि कुमार ने कहां की प्रशासन हमारी मदद करें और हमारी जमीन बंटवारे में हमें जो सहायता चाहिए वह दिलाए। और दूसरे पक्ष के लोग इस बात को मानने को मंजूर नहीं है जो सलाह नाम हुआ वह गलत हुआ ऐसा अंजलि कुमार उर्फ पत्र ने बताया हैं।