गोपालगंज (बिहार)।
जिले के सिधूलिया थाना क्षेत्र से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुराल वालों ने बहू की जान ले ली। मृतका की पहचान बसंती देवी (उम्र 26 वर्ष) पत्नी संतोष प्रसाद के रूप में हुई है। घटना के बाद पति समेत पूरा ससुराल पक्ष घर छोड़कर फरार हो गया है। मौके पर पहुंचने पर बसंती की लाश खाट पर पड़ी मिली।
बसंती की शादी को महज पांच साल हुए थे। उसका एक चार साल का मासूम बेटा भी है। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज के लिए उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते रहे।
पीड़िता की भाभी माया देवी ने बताया कि 5 जून की सुबह बसंती ने फोन पर रोते हुए कहा था – “दीदी, ये लोग बहुत परेशान कर रहे हैं। मुझे मार देंगे।” माया देवी ने समझा-बुझाकर उसे शांत करने की कोशिश की, लेकिन शाम को एक रिश्तेदार का फोन आया कि बसंती के घर कुछ अनहोनी हो गई है।
घबराकर माया देवी ने कई बार बसंती को कॉल किया, लेकिन फोन पहले काटा गया और फिर स्विच ऑफ हो गया। संतोष प्रसाद को फोन करने पर जवाब मिला – “हमें कुछ नहीं पता।” संदेह गहराया तो मायके के लोग गांव पहुंचे। वहां का मंजर देखकर सबके होश उड़ गए। बसंती की लाश खाट पर पड़ी थी और घर में कोई भी ससुराल वाला मौजूद नहीं था। सभी फरार हो चुके थे।
मृतका का भाई बाहर नौकरी करता है। जानकारी के अनुसार, 6 जून को पोस्टमार्टम कराया गया, लेकिन अब तक अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। वजह – ससुराल पक्ष से मुखाग्नि देने वाला कोई सामने नहीं आया।
परिजन न्याय की गुहार लगा रहे हैं। माया देवी का कहना है कि यह हत्या है और इसे आत्महत्या का रूप देने की साजिश की जा रही है। उन्होंने सिधूलिया थाने में नामजद तहरीर दी है, लेकिन पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
गांव में मातम पसरा हुआ है। लोग दबी जुबान में कह रहे हैं कि दहेज को लेकर अक्सर झगड़े होते थे। अब सवाल यह है कि आखिर कब तक बेटियां यूं ही दहेज की आग में झुलसती रहेंगी, और कब तक ससुराल पक्ष का कानून से बच निकलना यूं ही जारी रहेगा?
प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। लेकिन अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या बसंती को इंसाफ मिलेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट