भ्रष्टाचार वह दानव है जो एक ईमानदार व्यक्ति की जिंदगी और किसी क्षेत्र के विकास को बड़ी आसानी से निगल जाता है। भ्रष्टाचार रूपी दानव ऐसा नहीं है कि यह कुछ क्षेत्र में सीमित रहकर काम कर रहा आज भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश को अपनी आगोश में ले चुका है। भले प्रदेश के मुखिया मंचों से लंबे चौड़े भाषणों के माध्यम से इन भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने की बात करते हो लेकिन भ्रष्टाचार एक ऐसा राक्षस है जिसकी जद में पूरा प्रदेश आ चुका है। भ्रष्टाचार में ऐसा नहीं है कि छोटे कर्मचारी ही संलिप्त हो इसमें बड़े-बड़े अधिकारी भी अपनी रोटी सेक रहे हैं और भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। शायद इन अधिकारियों को भी अच्छी तरह से मालूम है कि प्रदेश में बैठी सरकार केवल मंच से भाषण ही दे सकती है किसी भ्रष्टाचारी पर कोई कार्यवाही नहीं कर सकती है ।इस वजह से पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार अपने नए आयाम लिख रहा है किसी भी निर्माण कार्य में सामग्री की हेर फेर करके भ्रष्टाचार करना तो होता आया है। पर मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चुकान से होकर भेड़वाटोला तक जाने वाली सड़क पर एक अलग ही तरह का भ्रष्टाचार आपको देखने को मिलेगा। जबकि यह क्षेत्र प्रदेश के मंत्री का गृह विधानसभा क्षेत्र हैं ।उसके बावजूद ठेकेदार की दिलेरी तो देखिए जहां 3 किलोमीटर की सड़क पर महज डेढ़ किलोमीटर के करीब ही सड़क का निर्माण हुआ वह भी आधी अधूरी सड़क बनाकर छोड़ दी गई ।
जिला कलेक्टर से मौखिक शिकायत के बावजूद कार्यवाही न होना, खड़े कर रहा सवाल
ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी किसी को न दी गई हो इसके लिए मौखिक रूप से जिले के कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली को दी गई थी जिन्होंने तत्परता दिखाते हुए जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ठ को फोन के माध्यम से इसकी जानकारी भी दी गई साथ ही यह दिलासा दिया गया कि इसकी जांच करवाई जाएगी लेकिन शायद यह केवल दिखावे की तत्परता थी अगर दिखावे की तत्परता ना होती तो इसकी शिकायत किए हुए एक माह से अधिक बीत जाने के बावजूद किसी तरह का कार्यवाही ना होना या तो ठेकेदार की पहुंच बताती है या इसमें उच्च अधिकारियों की सहभागिता कि शंका उत्पन्न करती है ।अब सोचिए कि जब मंत्री के गृह विधानसभा में भ्रष्टाचार का यह आलम है तो अन्य जिलों में भ्रष्टाचार की स्थिति क्या होगी और आम लोगों की बात कहां तक सुनी जाती होगी यह एक सोचने वाली और विचार करने वाला एक गंभीर विषय है।
तीन किलोमीटर की सड़क महज डेढ़ किलोमीटर बनाकर किया भ्रष्टाचार
अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा के अंतर्गत ग्राम चुकान से भेड़वाटोला के लिए जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर ठेकेदार ने जमकर भ्रष्टाचार किया भ्रष्टाचार क्या कहें सीधे-सीधे इसे डकैती की संज्ञा देना भी अनुचित नहीं होगा ।जहां ठेकेदार द्वारा 3 किलोमीटर की सड़क पर महज डेढ़ किलोमीटर उस पर भी आधी अधूरी सामग्री लगाकर सड़क का कार्य बंद कर दिया गया। जिसमें किसी तरह की कोई कार्यवाही ना होना ठेकेदार की दबंग या जिले की उच्च अधिकारियों की मिली भगत प्रदर्शित करता है अब देखना यह होगा की ऐसे भ्रष्टाचारी ठेकेदार पर सरकार और प्रशासन कोई उचित कार्यवाही करते हैं या अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत यहां भी चरितार्थ होती रहेगी?
ई खबर मीडिया से सूरज प्रजापति की रिपोर्ट