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कियाजोरी पंचायत के वार्ड 2 और 3 में कराए गए विकास कार्यों पर उठे सवाल, ग्रामीणों ने जांच की मांग की

जमुई, बिहार – कियाजोरी पंचायत के वार्ड संख्या 2 और 3 में मुखिया द्वारा कराए गए विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर सवाल उठाए हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी जमुई एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी चकाई को पत्र लिखकर कार्यों की जांच की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत क्षेत्र में पीसीसी सड़क, नाला निर्माण, पेयजल कुओं की मरम्मत, चबूतरा निर्माण जैसे कार्य कराए गए हैं, लेकिन इन कार्यों की गुणवत्ता बेहद खराब है। काम अधूरे हैं, कई जगहों पर तो कार्य शुरू ही नहीं हुआ है, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में पूरा खर्च दिखाया गया है।

शिकायतकर्ता महेंद्र यादव और निर्मला देवी सहित ग्रामीणों के अनुसार:

वार्ड 2 में शोभी राणा के घर से पलटू यादव के घर तक बनाई गई पीसीसी सड़क और नाला निर्माण कार्य में भारी गड़बड़ी है।

वार्ड 6 में लाइट नहीं लगाई गई है और जानकारी मांगने पर संबंधित कर्मियों ने जवाब देने से इनकार कर दिया।

स्कूल में बच्चों के लिए शौचालय है, बच्चों के खेलने का जो सामान आता है वह नहीं है लेकिन कागजों में उसे दर्शाया गया है।

कुओं की मरम्मत और सोख्ता निर्माण कागजों में दिखाया गया, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं है।

ग्रामीण सुरेश पंडित (उम्र 48 वर्ष, पिता नाथू पंडित, निवासी – जिला जमुई) ने बताया कि:
“पंचायत में जितना काम दिखाया जा रहा है, उसका केवल 50% ही वास्तव में किया गया है। बाकी आधा काम नहीं हुआ, लेकिन पूरे पैसों की निकासी कर ली गई है। यह सीधा भ्रष्टाचार है, जिसकी जांच होनी चाहिए।”

मनमानी खर्च का उदाहरण (कुछ कार्यों के आँकड़े):

“घाघरा टोला” में दर्शन राणा के घर के पास कुएं की मरम्मत – लागत ₹88,800 में से ₹82,487 खर्च दिखाया गया।

“बलसुंभा टोला” में सड़क और नाला निर्माण – ₹76,900 का कार्य, लेकिन गुणवत्ता पर सवाल।

“सिरमंडी टोला” में ₹8.56 लाख की लागत से नाला और गली निर्माण दिखाया गया, पर स्थानीयों को काम की जानकारी नहीं। मेघो यादव के घर के पास नलकूप मरम्मत का कार्य दिखाया गया है परंतु हकीकत में वह नहीं हुआ।

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने संबंधित जेई और अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उन्हें टाल दिया गया और कहा गया कि “काम जैसा हुआ है, वैसा ही रहेगा।”

ग्रामीणों की मांग:

सभी कार्यों की स्वतंत्र जांच कराई जाए।

जिम्मेदार अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्रवाई हो।

अधूरे कार्यों को जल्द पूरा करवाया जाए।

ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि इन मामलों की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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