नई दिल्ली/छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले की रहने वाली युवती गायत्री तिवारी, जिनका वर्तमान पता कुरुद बनाक क्षेत्र में है, ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में आकर न्याय की गुहार लगाई है। गायत्री का आरोप है कि उनके परिवार—जो कि अब केवल माँ और बेटी तक सीमित रह गया है—को उनकी जमीन हथियाने के लिए गाँव के कुछ लोग लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं।
गायत्री तिवारी ने बताया कि कुछ साल पहले जब वे रायपुर ज़िले के बेलर गाँव में रह रही थीं, तब वहाँ उनकी छोटी बहन के साथ गंभीर उत्पीड़न हुआ। उस समय मात्र 8 साल की बच्ची के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, यहाँ तक कि एक महिला पुलिसकर्मी ने बच्ची के कपड़े उतरवाकर मारपीट की। गायत्री ने मांग की है कि इस अमानवीय कृत्य में शामिल पुलिस कर्मियों पर सख्त कार्यवाही की जाए।
इतना ही नहीं, गायत्री ने कई अन्य घटनाओं का भी ज़िक्र किया—जिनमें एक शिक्षक द्वारा बदसलूकी, एक व्यक्ति द्वारा बहन का कथित अपहरण, और बाद में बहन की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु शामिल है। उन्होंने कहा कि उन्हें बहन की मौत की सूचना भी समय पर नहीं दी गई और अंतिम संस्कार के समय अचानक बुलाया गया।
गायत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने पढ़ाई के लिए रायपुर का रुख किया, तो उनकी अनुपस्थिति में उनके घर पर गुप्त कैमरे लगाए गए और उनके निजी जीवन में दखल देने की कोशिश की गई। एक स्कूल शिक्षक और अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने मांग की कि ऐसे संस्थानों के खिलाफ कठोर कार्यवाही हो।
उनका यह भी कहना है कि एक युवक ने झूठे रिश्ते का बहाना बनाकर केवल कुछ दिनों के लिए उनका शोषण किया और जब वे पुलिस के पास गईं तो किसी ने मदद नहीं की। हर जगह उन्हें सिर्फ निराशा हाथ लगी।
गायत्री तिवारी का कहना है कि अब उनकी जान को भी खतरा है, क्योंकि वे जिन लोगों के खिलाफ आवाज़ उठा रही हैं, वे उन्हें रास्ते से हटाना चाहते हैं। उनका यह भी आरोप है कि अपराधियों को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है, और स्थानीय पुलिस ने उनकी कई शिकायतों को नज़रअंदाज़ किया।
गायत्री तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय महिला आयोग, और मानवाधिकार आयोग से अपील की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।