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फतेहपुर जिले के किशनपूर गांव नरैनी में सड़क और बिजली दोनों गायब, 25 साल से विकास के इंतजार में बैठे ग्रामीण

फतेहपुर जिले के किशनपूर गांव नरैनी में बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। ग्रामीण न सड़क के हकदार बने हैं, न बिजली के। स्थिति यह है कि गांव से मुख्य सड़क तक जाने का कोई भी पक्का या कच्चा रास्ता उपलब्ध नहीं है। लोग वर्षों से खेतों के बीच से होकर अपने जरूरी कार्यों के लिए बाहर निकलते थे, लेकिन अब खेतों में फसल बो दी गई है, जिससे रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है।

शिकायतकर्ता अवधेश (उम्र 20 वर्ष), पिता स्व. महकू, जो गांव के ही निवासी हैं, बताते हैं कि यह समस्या 20-25 साल पुरानी है। अब हालात यह हो गए हैं कि गांव के 25 से 30 परिवार पूरी तरह से मुख्य मार्ग से कट गए हैं और आवाजाही के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है।

गांव से सड़क तक पहुंचना हुआ नामुमकिन

गांव के लोग बताते हैं कि पहले तक खेतों के मेड़ों से होते हुए लोग जैसे-तैसे में रोड (मुख्य सड़क) तक पहुंच जाते थे, लेकिन अब किसानों ने वहां पूरी तरह से बुवाई कर दी है। इस कारण से लोगों को घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है।

“अब तो ऐसा लग रहा है जैसे हम गांव में नहीं, किसी कैदखाने में रह रहे हैं। खेतों से भी रास्ता खत्म हो गया, अब तो बाहर निकलना भी बंद है।”

 अवधेश, शिकायतकर्ता

गांव में बिजली भी नहीं, सिर्फ खंभे लगे हैं

गांव में बिजली व्यवस्था की हालत भी बेहद बदतर है। खंभे वर्षों पहले लगाए गए थे, लेकिन आज तक उनमें बिजली की आपूर्ति शुरू नहीं हुई। खंभे तो हैं, लेकिन केवल सजावटी ढांचे की तरह खड़े हैं। ना कोई ट्रांसफॉर्मर है, ना कोई लाइन चालू की गई है।

ग्रामीणों के अनुसार, कई बार बिजली विभाग और स्थानीय प्रशासन से शिकायतें की गईं, लेकिन या तो जवाब नहीं मिला या फिर आश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ।

“खंभे खड़े हैं लेकिन लाइट नहीं आती। रात में अंधेरा रहता है। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते, महिलाएं डर के माहौल में घर के बाहर निकलती हैं।”
एक ग्रामीण महिला

गांव के सरपंच और सचिव की बेरुखी

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपनी समस्याएं कई बार गांव के सरपंच और ग्राम सचिव को बताईं, लेकिन हर बार उन्हें टालने वाला ही जवाब मिला।

“सरपंच कहते हैं – अभी सड़क नहीं निकलेगी, और बिजली के बारे में बोलते हैं – ऊपर से फाइल अटकी है। लेकिन कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते।”

सरकार की योजनाओं पर सवाल

केंद्र और राज्य सरकारें गांवों में सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सौभाग्य योजना, हर घर बिजली योजना जैसी परियोजनाएं चलाई गई हैं। लेकिन किशनपूर गांव जैसे सैकड़ों गांव इन योजनाओं से अब भी अछूते हैं।

ग्रामीणों की मांग: सड़क और बिजली हमारी बुनियादी जरूरत है

गांव के निवासी तत्काल एक सार्वजनिक रास्ते की पहचान कर उसके निर्माण की मांग कर रहे हैं। साथ ही बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिए ट्रांसफॉर्मर और कनेक्शन लगाने की मांग भी कर रहे हैं। “हम कोई महल नहीं मांग रहे, सिर्फ एक रास्ता और रौशनी चाहते हैं। क्या ये भी मांगना गलत है?”

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