शामली। कैराना तहसील के मोहल्ला रेतेवाला निवासी राधेश्याम कश्यप की ज़िंदगी पिछले 10 महीनों से उलट-पलट हो चुकी है। पत्नी पार्वती के गायब होने के बाद से राधेश्याम थाने के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। आरोप है कि छपरौली थाने के दरोगा हरिओम ने न सिर्फ उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की बल्कि दो बार मिलाकर ₹50 हजार भी वसूल लिए।
राधेश्याम ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे पत्र में आरोप लगाया कि मोनिका, प्रवेज और सुन्दर नामक लोग उसकी पत्नी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए। बताया कि आरोपी गलत किस्म के लोग हैं और उसकी पत्नी को अपने जाल में फंसा रखा है।
दरोगा ने जगह-जगह घुमाया, गलत जानकारी दी
पीड़ित का कहना है कि जब भी वह छपरौली थाने में रिपोर्ट लिखवाने जाता है, दरोगा सही जानकारी देने के बजाय कभी हरिद्वार, कभी रुड़की, कभी देहरादून और कभी उत्तराखंड में पत्नी होने की बात कहकर उसे भटकाता रहा। डराने-धमकाने के आरोप भी लगाए गए।
राधेश्याम ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि घटना के आठ महीने बाद दरोगा उसे कुडाना गांव ले गया था, जहां सुन्दर की पत्नी से पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि उसका पति सुबह जाता है और शाम को लौटता है और नशे में मारपीट करता है।
छह बच्चियों का बाप दर-दर की ठोकरें खा रहा
राधेश्याम के छह बेटियां हैं। पत्नी के जाने के बाद उनका पालन-पोषण अकेले करना मुश्किल हो गया है। पीड़ित का कहना है कि अगर समय रहते पत्नी नहीं मिली और आरोपियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो उसका परिवार बर्बाद हो जाएगा।
मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि बागपत के पुलिस अधीक्षक को तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया जाए और दरोगा हरिओम सहित आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। उसने कहा कि उसे अब सिर्फ सरकार से ही इंसाफ की उम्मीद है।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट