बदायूँ। ग्राम लिलवां, तहसील दातागंज निवासी इच्छाराम ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनके सगे भाई रामस्वरूप (जिनकी शादी नहीं हुई थी) की भूमि को धोखाधड़ी और जालसाजी से हड़प लिया गया है।
इच्छाराम का कहना है कि रविशंकर सैनी पुत्र स्वर्गीय रामभरोसे सैनी, निवासी नगला पट्टी, तहसील किच्छा, जनपद ऊधमसिंह नगर (उत्तराखंड) ने फर्जी तरीके से खुद को रामस्वरूप का पुत्र दर्शाया और अपने सहयोगियों राजू सिंह पुत्र कुवरपाल सिंह (ग्राम लिलवां), मनसुख पुत्र जौहरी (ग्राम लिलवां) और रजनीश पुत्र इन्द्रपाल (ग्राम मुगर्रा, जिला बदायूँ) के साथ मिलकर उनकी ज़मीन अपने नाम दर्ज करा ली। इसके बाद 09 नवंबर 2024 को राजू सिंह के नाम रजिस्ट्री भी कर दी गई।
पीड़ित के अनुसार, रविशंकर के असली पिता का नाम रामभरोसे सैनी है, जिसका प्रमाण 4 फरवरी 2017 को उपजिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर द्वारा जारी प्रमाणपत्र से होता है। आरोप है कि आधार कार्ड में फर्जी संशोधन कर, खुद को रामस्वरूप का पुत्र दर्शाकर अवैध बैनामा किया गया। इसको निरस्त कराने के लिए इच्छाराम ने सिविल जज जूनियर डिवीजन, दातागंज में वाद भी दायर किया है।
इच्छाराम का आरोप है कि अब राजू सिंह और रविशंकर उन्हें जान से मारने और घर में आग लगाने की धमकी दे रहे हैं। राजू सिंह जातीय दबंगई दिखाते हुए कहता है कि “सरकार हमारी है, तुम मेरा कुछ नही कर सकते” और पुलिस से मिलकर झूठे केस में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।इच्छाराम ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हमारा मामला दातागंज तहसील में विचाराधीन है। जब तक न्याय ना मिले तब तक इनका दाखिल खारिज ना किया जाए। भाई की संपत्ति सिर्फ भाई को ही मिले। ना खतौनी में नाम है ना वोटर लिस्ट में नाम है। कहीं भी इसका नाम नहीं लिखा हुआ है फिर भी इन्होंने फर्जी तरीके से अपना नाम लिखवा दिया।
पीड़ित ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, फर्जी प्रमाणपत्र की जांच कराई जाए और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वह अपने गांव में सुरक्षित जीवन जी सकें।प्रार्थी का गांव में अकेला घर है जो बेहद गरीब व दयनीय स्थिति में है।




