आज हम बात करेंगे कानपुर जिले की 35 वर्षीय अर्चना सिंह चौहान की, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और हौसले के दम पर सोशल मीडिया और गीत-संगीत की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती है। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली अर्चना ने अपनी जिंदगी को इस तरह बदला कि आज वह पूरे देश में “सोशल मीडिया क्वीन” के नाम से मशहूर होना चाहती हैं।
अर्चना सिंह चौहान के पिता का नाम अचल सिंह और माता सर्वेश कुमारी है। गाँव नदिहा खुर्द, कानपुर (उत्तरप्रदेश) की रहने वाली हैं।
अर्चना का सफर: हौसले से शुरू हुई कहानी
अर्चना के सपने बड़े थे, लेकिन शुरुआत आसान नहीं थी। 2013 में उन्होंने अपनी संगीत यात्रा शुरू की। शुरुआत में यह केवल शौक था, लेकिन उनकी मेहनत और क्रिएटिविटी ने उन्हें सोशल मीडिया का उभरता सितारा बना दिया।
अर्चना सोशल मीडिया पर गाना गाती हैं।
वह अपने लिखे और गाए गीतों, भजनों और ओडियोज़ को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा करती हैं।
उनका अभी तक सोशल मीडिया हैंडल नही है –
अर्चना की रचनाएँ और संदेश
अर्चना कहती हैं –
“मैं अर्चना सिंह चौहान, कानपुर उत्तर प्रदेश से हूं। आप मेरे ओडियो जरूर सुनें और कमेंट्स के माध्यम से बताएं कि ये नये ओडियोज आपको कैसे लगे।”
उनकी आख़िरी रचनाओं में –
देश और समाज में दोगलेपन का मुखौटा पहनने वाले लोगों पर गीत
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर लिखी गई रचना
कारगिल युद्ध पर आधारित गीत
शामिल हैं।
अर्चना का कहना है कि यह सब उन्हें मां सरस्वती के आशीर्वाद से मिला है।
वह फिल्मी धुनों पर अपने लिखे हुए गीत गाती हैं और दो भजनों का भी गायन कर चुकी हैं।
आप भी करें सहयोग
अर्चना अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और अपने सपने पूरे करने के लिए आपके समर्थन की जरूरत रखती हैं। उनके गीतों को लाइक, शेयर करें।
परिवार का सहयोग और संघर्ष
इस सफर में उनके परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया। अर्चना का कहना है कि उनके पिता और दर्शकों का प्यार ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
प्रेरणा: गरीबों के लिए मिसाल बनना चाहती हैं
अर्चना का सपना है कि वह अपनी मेहनत के बल पर न केवल अपने परिवार को मजबूत बनाएं, बल्कि उन लोगों के लिए प्रेरणा बनें, जो कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। उनका मानना है कि अगर सपने देखने की हिम्मत और उन्हें पूरा करने की लगन हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
अर्चना की कहानी: सबके लिए एक प्रेरणा
अर्चना की कहानी हमें सिखाती है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर मेहनत और लगन हो, तो सफलता जरूर मिलती है।
आज अर्चना न सिर्फ अपने गांव और परिवार बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रही हैं।
दोस्तों, यह थी कानपुर की अर्चना सिंह चौहान की प्रेरणादायक कहानी। हमें यकीन है कि उनकी यह यात्रा आप सभी को भी प्रेरित करेगी।
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