सहरसा में दो बड़ी घटनाएं उजागर, पीड़ित परिवारों ने लगाई इंसाफ की गुहार
सहरसा।
ज़िले में दो गंभीर घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रशासन की संवेदनहीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
5 सितंबर 2025 को हुई पहली घटना में, एक गरीब व्यक्ति को एक महिला सुनीता देवी पति राजू सादा द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों के आधार पर पुलिस ने बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पुलिस की बर्बरता साफ़ दिख रही है। पीड़ित का आरोप है कि घटना के बाद पुलिस ने उससे ₹2 लाख की रिश्वत की मांग की। वहीं, बाद में एक कॉल रिकॉर्डिंग सामने आई जिसमें महिला खुद स्वीकार करती है कि उसने झूठे आरोप लगाकर पुलिस को गुमराह किया था। पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय और मुआवज़े की मांग की है तथा दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गुहार लगाई है।
वहीं दूसरी घटना पतरघाट थाना क्षेत्र की है। पीड़ित मोहम्मद रिज़वान ने पुलिस अधीक्षक सहरसा को शिकायत दी है कि उनकी खरीदी हुई ज़मीन पर स्थानीय पवन यादव (पिता स्व. संतोष यादव, निवासी वार्ड-3, थाना पतरघाट, ज़िला सहरसा) और अन्य लोगों ने 16 जुलाई 2025 से पहले हथियार के बल पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। आरोप है कि फसल को उखाड़कर नुकसान पहुँचाया गया और 10 लाख रुपये की रंगदारी भी मांगी गई। धमकी दी गई कि पैसे नहीं दिए तो खेत को पूरी तरह बर्बाद कर दिया जाएगा।
पीड़ित ने 16 जुलाई को थाना अध्यक्ष को लिखित सूचना दी थी, लेकिन कार्रवाई न होने से परिवार भयभीत है। रिज़वान का कहना है कि वे अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं और लगातार मिल रही धमकियों से उनकी जान को खतरा है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि इस मामले में पवन यादव का ही हाथ है।
दोनों मामलों में पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। घटनाओं ने पुलिस की जवाबदेही और पारदर्शिता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं।