औरंगाबाद बिहार
शशि कुमार सिंह की रिपोर्ट
औरंगाबाद।
ओबरा विधानसभा के ओबरा हाई स्कूल मैदान में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन नेताओं के भाषण से जनता की नाराजगी और मोहभंग का मंच बन गया।
कार्यक्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी और भाजपा के पूर्व सांसद शाहनवाज हुसैन जैसे बड़े चेहरे मौजूद रहे। मंच पर आते ही अशोक चौधरी ने सरकार की उपलब्धियां गिनाना शुरू कीं, लेकिन लोगों को उनका भाषण उबाऊ और दोहराव भरा लगा।
स्थिति यह रही कि जैसे ही उन्होंने “5 किलो अनाज, महिलाओं को ₹10,000 और 125 यूनिट मुफ्त बिजली” की योजनाओं का बखान किया, वैसे ही भीड़ से लोग उठ-उठकर कुर्सी छोड़ने लगे।
सभा से बाहर जाते लोगों ने मीडिया से साफ कहा –
“रोजगार पर कोई बात नहीं।”
“भ्रष्टाचार पर चुप्पी साध ली गई।”
“हर बार वही योजनाओं की पुरानी झड़ी लगा दी जाती है।”
जनता का कहना था कि अब लोगों को खाली वादों की लिस्ट नहीं चाहिए, बल्कि रोजगार और विकास का ठोस रोडमैप चाहिए। स्थानीय युवाओं ने खास तौर पर बेरोजगारी और पलायन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मंच से इस पर जानबूझकर चुप्पी साध ली गई।
विपक्षी नेताओं ने भी इसे लेकर तंज कसा और कहा कि “एनडीए अब जनता को लुभाने में नाकाम हो रहा है, क्योंकि जनता अब अनाज-बिजली से आगे रोजगार और ईमानदार शासन चाहती है।”