देवरिया (सलेमपुर): जिले के सलेमपुर थाना क्षेत्र में रहने वाली मीना तिवारी और उनका परिवार प्रशासन की लापरवाही के कारण दिक्कतों में फंस गया है। मीना तिवारी के घर के पास से गुजर रही नई फोरलेन सड़क के कारण उनका घर भी सड़क के मार्ग में आ गया है।
मीना तिवारी का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें घर खाली करने का कोई आधिकारिक नोटिस नहीं दिया, न ही किसी तरह का मुआवजा या नई जगह प्रदान की गई। अब उनकी चिंता यह है कि भविष्य में सड़क का निर्माण शुरू होने पर उनका परिवार कहां रहेगा। उन्होंने बताया कि उनके पास रहने के लिए कोई और जगह नहीं है और पूरे परिवार के साथ वह पूरी तरह असहाय महसूस कर रही हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मामला केवल मीना तिवारी तक सीमित नहीं है, बल्कि फोरलेन परियोजना से प्रभावित कई परिवारों की भी यही समस्या है। लोग प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें उचित मुआवजा या वैकल्पिक आवास दिया जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब भी किसी सार्वजनिक निर्माण परियोजना के लिए निजी संपत्ति प्रभावित होती है, तो संबंधित परिवारों को पहले उचित नोटिस और मुआवजा दिया जाना अनिवार्य है। इस मामले में प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की तैयारी न होने के कारण प्रभावित परिवार तनाव में है और उनकी सुरक्षा और भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
मीना तिवारी ने बताया, “हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है, पूरे परिवार के साथ कहां जाएं, इसका कोई उपाय नहीं है। प्रशासन से हमारी मदद की अपील है।”
प्रशासन ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।




