ब्यूरो चीफ/ नवीन चन्द्र मठपाल
स्याल्दे/भिकियासैंण (अल्मोड़ा)। आईटीआई स्याल्दे में व्यवसायिक ट्रेड खोलने, सीएचसी स्याल्दे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोषित करने, गौशाला निर्माण करने, सीएचसी देघाट के मानकों को पूरा करने तथा राजकीय महाविद्यालय में बीसीए और बीबीए की कक्षाएं शुरु करने सहित कई मांगों को लेकर स्याल्दे मुख्यालय में छठे दिन भी आंदोलन जारी रहा।
आंदोलन को समर्थन देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देघाट क्षेत्र से कई ग्रामीण महिलाएं और पुरुष धरना स्थल पर पहुँचकर आंदोलनकारियों के साथ खड़े दिखे। इसी बीच अधिवक्ता ललित बिष्ट छठे दिन भी आमरण अनशन पर डटे रहे, जबकि सुनील टम्टा, जन आंदोलनकारी जसवंत सिंह, पंकज सिंह, प्रमोद गिरी और गोपाल राम क्रमिक अनशन पर बैठे रहे।
सूत्रों के अनुसार, आमरण अनशन पर बैठे अधिवक्ता ललित बिष्ट का वजन छह किलो कम हो गया है, जिससे उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी है।
आज अनशन स्थल पर पहुँचे धनगड़ पुल संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुनील टम्टा ने शासन-प्रशासन पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि “अच्छा उत्तराखंड के सपने दिखाने वाली सरकार ने 25 साल से विकास की ओर आँखें मूंद ली हैं। अतः अब हमें अपने विकास की लड़ाई खुद लड़नी होगी। यदि किसी भी अनशनकारी को उठाया गया तो मैं स्वयं आमरण अनशन पर बैठूँगा।”
आंदोलनकारियों का कहना है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन में सहयोग देने वालों में अभिनंदन रजवार, अनिता रजवार, गोविंद सिंह, श्यामलाल, बालम मनराल, राजुली देवी, इंदू देवी, दीपा देवी, मीना देवी, सुनीता देवी, तारा दत्त, यशपाल बिष्ट, मनोज नेगी आदि शामिल रहे।
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