लखीसराय/मुंगेर।
लखीसराय जिले के मेदनीचौकी थाना क्षेत्र में पति–पत्नी के विवाद ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर पति दीपक कुमार अपनी पत्नी विनिता कुमारी और बेटे को घर लाने की गुहार लगा रहा है, वहीं दूसरी ओर उसके परिजनों पर जानलेवा हमला, धमकी और पुलिस द्वारा अनुचित दबाव बनाए जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं।
भाई पर जानलेवा हमला, गंगा में फेंका — परिवार का आरोप
पीड़ित युवक के भाई ने थाना मेदनीचौकी को दिए आवेदन में बताया है कि विनिता देवी (पिता— भोला महतो), उसके भाइयों और चार अज्ञात हमलावरों ने मिलकर उसके भाई पर हमला करवाया।
आरोप है कि—
चार गुंडों ने उसके भाई को बुरी तरह पीटा,
फिर उसे गंगा नदी में फेंक दिया,
यह पूरी घटना जान लेने की नीयत से की गई।
परिवार का कहना है कि यह हमला केवल दीपक और उसकी पत्नी विनिता के बीच चल रहे विवाद को लेकर प्रतिशोध में किया गया है।
“पुलिस भी दबाव में” — पीड़ित पक्ष का गंभीर आरोप
आवेदन में यह भी दावा किया गया है कि मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी लड़की पक्ष के प्रभाव में हैं।
परिजनों का कहना है कि पुलिस वाले ने उनसे खुले शब्दों में कहा—
“जब तक फोन/पैसे नहीं दोगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी।”
पीड़ित युवक का आरोप है कि पुलिस ने उल्टा उसे ही जेल भेज दिया और उसकी शिकायत को दर्ज करने में टालमटोल की।
“मुख्यमंत्री भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते” — धमकी का आरोप
पीड़ित परिवार के अनुसार, लड़की के पिता, भाइयों और परिजनों की ओर से लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं।
परिवार का दावा है कि उन्हें कहा गया—
“मुख्यमंत्री हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते… जो हम चाहेंगे वही होगा।”
इन धमकियों के कारण पूरा परिवार भयभीत है और सुरक्षा की मांग कर रहा है।
विवाह, विदाई और बढ़ता विवाद — असली वजहें क्या हैं?
मामला मूल रूप से दीपक कुमार और उनकी पत्नी विनिता कुमारी से जुड़ा है। दोनों का विवाह 09 अक्टूबर 2024 को हुआ था। विवाह के बाद विनिता करीब 8 महीने ससुराल में रहीं, और फिर मायके चली गईं।
12 सितंबर 2025 को विनिता ने एक बेटे को जन्म दिया।
इसके बाद से ही मायके पक्ष विदाई से इनकार कर रहा है।
विदाई से इनकार, गाली-गलौज और धमकी — दीपक का आरोप
दीपक का कहना है कि—
वह कई बार पत्नी को लेने ससुराल पहुँचा,
लेकिन लड़की के पिता भोला महतो और माता उगनी देवी ने विदाई देने से मना कर दिया,
वापस न आने की धमकी देते हुए गाली-गलौज कर घर से निकाल दिया।
दीपक के अनुसार, थाने में समझौता होने के बावजूद मायके पक्ष ने विदाई देने से साफ इनकार कर दिया।
बीमारी और आर्थिक स्थिति बनी विवाद की जड़
दीपक ने बताया कि शादी से पहले उसने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लड़की वालों को सब बताया था—
सीने में दर्द, कमर-पैरों में तकलीफ, अधिक देर खड़े या बैठे न रह पाने जैसी समस्याएँ।
उस समय लड़की पक्ष ने इलाज करवाने का आश्वासन दिया था।
लेकिन अब यही बातें विदाई रोकने का कारण बताया जा रहा है।
दीपक का आरोप है—
“बच्चे के जन्म के बाद लड़कीवालों ने पूरा रवैया बदल लिया और अब वे मुझे नाकाबिल बताकर विदाई से इनकार कर रहे हैं।”
“मैं परिवार बसाना चाहता हूँ” — दीपक
दीपक का कहना है कि—
वह पत्नी और बच्चे को घर लाना चाहता है,
परिवार नहीं टूटने देना चाहता,
लेकिन यदि पत्नी साथ रहने को तैयार नहीं, तो वह कानूनी तरीके से तलाक के लिए भी तैयार है।
वह मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहा है।
मामला अधिकारियों के पास पहुँचा — निष्पक्ष कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की उदासीनता और धमकियों ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे उच्च अधिकारियों, न्यायिक संस्थाओं और मीडिया से मदद मांगें।
परिजनों ने कहा—
“हमें सिर्फ न्याय चाहिए। हमारे भाई को मारा गया, धमकियाँ दी गईं, और पुलिस सुन नहीं रही। हम प्रशासन से सुरक्षा और कार्रवाई चाहते हैं।”
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