रिपोर्ट — सैयानपुर (फर्रुखाबाद)
फर्रुखाबाद जिले के सैयानपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बमनी चौकी निवासी यासीन अली ने अपने ससुराल पक्ष पर पत्नी को जबरन रोके रखने, अवैध रूप से पैसों की मांग करने और उन्हें लगातार धोखे में रखने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। मामला अब स्थानीय प्रशासन की सुस्ती और पुलिस की निष्क्रियता को लेकर भी चर्चा में आ गया है।
यासीन की पत्नी साइना, जिला बरेली के थाना फरीदपुर क्षेत्र के गांव नगमा की रहने वाली हैं। आरोपों में पत्नी के भाई आसिफ, आरिफ, पिता पप्पू और मां बानो का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
“शादी के बाद से पत्नी किसी और से बात करती थी” — यासीन का आरोप
यासीन का कहना है कि शादी के दिनों से ही उनकी पत्नी फोन पर किसी अन्य व्यक्ति से बात करती थीं। कई बार टोका, समझाया, लेकिन स्थिति नहीं बदली।
यासीन के मुताबिक अब हालात ऐसे हो गए हैं कि साइना खुद भी उनके साथ रहना नहीं चाहती, और मायके वाले भी उसे उनके पास नहीं भेज रहे हैं।
यासीन ने आरोप लगाया कि उनकी सास बानो ने उन्हें अपमानित करते हुए कहा—
“ये बच्चे तुम्हारे नहीं हैं।”
यासीन का कहना है कि यह बात उनके लिए बेहद चौंकाने वाली थी और इसी ने पूरे रिश्ते को संदेह के घेरे में ला दिया।
70 हजार रुपये देने के बाद भी पत्नी वापस नहीं भेजी गई, अब 1 लाख की नई मांग—यासीन का दावा
यासीन का कहना है कि पहले पत्नी को मायके भेजने और फिर वापस लाने के बहाने 70 हजार रुपये की मांग की गई थी, जो उन्होंने दे दिए।
“पैसा लेने के बाद भी मेरी पत्नी को वापस नहीं भेजा गया। अब 1 लाख रुपये की फिर से मांग कर रहे हैं,” यासीन ने आरोप लगाया।
उनका कहना है कि वे 20 से अधिक बार पत्नी को लेने गए, लेकिन हर बार उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि “लड़की अभी नहीं आएगी।”
“अगर बच्चे मेरे नहीं थे तो मुझे इतने समय तक धोखे में क्यों रखा?”
यासीन का कहना है कि यदि रिश्ते की शुरुआत से ही सब कुछ स्पष्ट बता दिया जाता तो हालात अलग होते।
“शुरू में ही सच्चाई बता देते तो मैं अपनी जिंदगी किसी और तरह जी लेता। मुझे पैसों के लालच में फंसाकर सालों तक धोखे में रखा गया।”
रिपोर्ट दर्ज कराने गए तो पुलिस ने नहीं सुनी—यासीन का आरोप
यासीन ने बताया कि उन्होंने फर्रुखाबाद के थाने में कई बार गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की।
उनका कहना है कि कई बार पत्नी को लेने गए, लेकिन वहां उनकी सास ने उन्हें अपमानित करते हुए कहा—
“तुम तो नामर्द हो, हमारी बेटी को कैसे भेज दें?”
यासीन का कहना है कि मानसिक प्रताड़ना की इन घटनाओं से वे बेहद टूट चुके हैं।
“अगर मुझे कुछ हो गया तो जिम्मेदार ससुराल वाले और मेरी पत्नी होंगी” — यासीन
यासीन का कहना है कि लगातार तनाव और आरोपों के बीच वे अपने बच्चों से भी दूर कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा—
“मेरी पत्नी और उसका परिवार मुझे बच्चों से मिलने नहीं दे रहा। अगर मुझे कुछ हो जाता है, तो इसका जिम्मेदार मेरा ससुराल पक्ष और मेरी पत्नी होगी।”
न्याय की अपील
यासीन अली ने जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
वे कहते हैं—
“मैं सिर्फ अपना हक चाहता हूँ। या तो मेरी पत्नी और बच्चे मुझे वापस दिए जाएँ या फिर मेरे पैसे लौटाए जाएँ। न्याय मिलना ही चाहिए।”
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