उधार चुकाने के बाद भी वसूली गिरोह और पुलिसकर्मी मिलकर मारपीट, फर्जी केस और जेल भेजने की साजिश में लगे होने का दावा
ग्वालियर शहर में एक गरीब महिला ने पुलिस और स्थानीय वसूली गिरोह पर संगीन आरोप लगाते हुए पुलिस मुख्यालय भोपाल तक गुहार लगाई है। मामला लश्कर थाना क्षेत्र के गुडी गुडा का नाका इलाके का है, जहां रहने वाली नीलम तोमर ने आरोप लगाया है कि कम्पू थाने के पुलिसकर्मी और गुडडन खान नाम की महिला समेत कई लोग मिलकर उससे जबरन वसूली, मारपीट और फर्जी मामले में जेल भेजने की साजिश कर रहे हैं।
नीलम तोमर का कहना है कि उसने गुडडन खान से लिया पूरा कर्ज और ब्याज चुका दिया है। भुगतान की लिखापढ़ी कम्पू थाने में हो चुकी है। इसके बावजूद गुडडन खान और उसका पति सलमान खान उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं और दोबारा ब्याज की मांग कर रहे हैं।
नीलम का आरोप है कि गुडडन खान के कहने पर कम्पू थाने में पदस्थ पुलिसकर्मी नवल सिंह, दो महिला आरक्षक और एक महिला इंस्पेक्टर ने उसके साथ मारपीट की। इतना ही नहीं, उसके खिलाफ हरिजन एक्ट का झूठा मामला दर्ज कराने की कोशिश भी की जा रही है।
नीलम ने पुलिस मुख्यालय में दी अपनी शिकायत में कहा कि रानी जाटव के जरिए उस पर अनुसूचित जाति मामले का फर्जी केस दर्ज कराने की तैयारी हो रही है, जबकि उसका इस विवाद से कोई लेना देना नहीं है।
महिला ने दावा किया कि पुलिस और कथित वसूली गिरोह की मिलीभगत के कारण उसका और उसकी नाबालिग बेटी का जीवन खतरे में है। उसने कहा कि वह गरीब महिला है, अकेली अपने परिवार का पालन पोषण करती है और किसी भी घटना की जिम्मेदारी इन सभी लोगों पर होगी।
नीलम तोमर ने पुलिस मुख्यालय से मांग की है कि कम्पू थाने के पुलिसकर्मी नवल सिंह, दो महिला आरक्षक, इंस्पेक्टर, गुडडन खान, सलमान खान और रानी जाटव के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और उसे न्याय दिलाया जाए।
अपनी शिकायत में नीलम ने यह भी लिखा है कि पुलिसकर्मी उसे झूठे मामले में फंसाकर जेल भिजवाने की कोशिश कर चुके हैं और हर बार उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं।
घटना के उजागर होने के बाद स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर गरीब महिला की बात की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो मामला उच्च अधिकारियों के सामने उठाया जाएगा।
मामले में पुलिस मुख्यालय से अभी किसी प्रकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन शिकायत दर्ज होने के बाद पूरा विभाग हरकत में है।
नीलम तोमर ने 10 अक्टूबर 2025 को अपना निवेदन भोपाल मुख्यालय में प्रस्तुत किया था।




