जूनागढ़ थाना क्षेत्र, उड़ीसाः राजस्थान के बाड़मेर जिले के निवासी भूराराम पर भतरा गुडा शोक गांव में जानलेवा हमला हुआ। घटना तब घटी जब वे धान कटाई का काम खत्म कर अपने कमरे पर लौट रहे थे। अचानक, अज्ञात लोगों ने उनकी गाड़ी (नंबर: DD1 Y 9704) को रोककर उन पर बर्बरता से हमला किया। भूराराम लहूलुहान हो गए, और उनके अनुसार, हमलावर पूरी तरह से नशे में धुत थे।
भूराराम ने कहा, “मुझे बेरहमी से पीटा गया। हमलावर मेरी जान लेने पर उतारू थे।” घटना के बाद जब वे अपनी शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंचे, तो उड़ीसा पुलिस ने उनकी मदद करने के बजाय यह कहकर रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया कि एडले हमलावरों के नाम बताएं। न्याय से दूर राजस्थान के श्रमिकः
भूराराम ने मीडिया को बताया, “उड़ीसा पुलिस का रवैया बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि मैं राजस्थान से आया हूं, और जब तक हमलावरों के नाम नहीं बताऊंगा, मेरी शिकायत नहीं ली जाएगी। आखिरकार अज्ञात लोगों के नाम मुझे कैसे पता होंगे? पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह जांच करे।”
हमले से सहमे मजदूरः
इस घटना ने इलाके में रहने वाले अन्य प्रवासी मजदूरों में डर और गुस्सा भर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां श्रमिकों को सुरक्षित महसूस नहीं होता और पुलिस की ऐसी लापरवाही ने उनकी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
प्रशासन पर सवालः
भूराराम ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस की उदासीनता ने उन्हें न्याय से वंचित कर दिया है। इस घटना के बाद भूराराम ने प्रशासन और उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
हमलावरों की गिरफ्तारी और पुलिस के रवैये पर सवाल
यह घटना न केवल उड़ीसा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता पैदा करती है। भूराराम ने कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, वह इस मामले को मीडिया और उच्च अधिकारियों तक ले जाएंगे।