Monday, August 4, 2025
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नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले गई 21 वर्षीय युवती, पुलिस पर पक्षपात का आरोप परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

हम आज आपके सामने एक ऐसे पिता की पीड़ा लेकर खड़ा हूं, जिसकी आवाज़ कोई नहीं सुन रहा… जिसकी फरियाद सिर्फ़ फाइलों में दबी पड़ी है।

हम बात कर रहे हैं जौनपुर के वारिस की — एक गरीब, ईमानदार और मेहनतकश पिता, जो अपने बेटे समीर के लिए न्याय मांग रहा है। समीर, एक 17 साल का नाबालिग, जिसे 21 वर्षीय युवती अंजलि सरोज बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गई। लेकिन जब मामला सामने आया, तो सच्चाई को ताक पर रख दिया गया, और उल्टा समीर को ही आरोपी बना दिया गया।

कहां है इंसाफ?
जब लड़का नाबालिग है, तो फिर उसे भगाने का आरोपी कैसे बनाया जा सकता है?
और सवाल तो तब और भी गंभीर हो जाता है जब पुलिस दिल्ली जाकर समीर को पीटती है, घसीटती है, और पूरे परिवार को थाने में बंद कर देती है।

क्या यही है उत्तर प्रदेश में कानून का राज?
क्या एक गरीब परिवार की कोई सुनवाई नहीं होती?
क्या पुलिस अब दबंगों की कठपुतली बन चुकी है?

लड़की के परिवार का कहना है — शादी करवा दो, नहीं तो एससी-एसटी एक्ट में फंसा देंगे।
क्या अब कानून को ब्लैकमेल करने का औज़ार बना दिया गया है?

वारिस का परिवार डरा हुआ है, सहमा हुआ है, और न्याय के लिए मीडिया व जनता से उम्मीद लगाए बैठा है।
हम पूछना चाहते हैं—
क्या गरीब की कोई इज्ज़त नहीं?
क्या नाबालिग लड़का होना अब गुनाह बन गया है?
क्या पुलिस का काम डराना-धमकाना और पैसे मांगना है?

नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले गई 21 वर्षीय युवती, पुलिस पर पक्षपात का आरोप
परिवार ने लगाई न्याय की गुहार

जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। वारिस पुत्र मुन्ना अहमद,l निवासी हाउस नंबर 392, सरायवीका सड़क, प्राथमिक विद्यालय के पास, थाना साराय वीका, जिला जौनपुर ने पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।

परिजनों का आरोप है कि 13 तारीख को अंजलि सरोज नामक युवती, जो 21 वर्ष की है, उनके 17 वर्षीय नाबालिग बेटे समीर को बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गई। दिल्ली में पकड़ने पर उल्टे लड़के पर भगाने का आरोप लगाकर लड़की के परिजन उसे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

वारिस के अनुसार, पावरा थाने की पुलिस दिल्ली गई और लड़के को बुरी तरह पीटकर घसीटते हुए गाड़ी में बिठाया। पूरे परिवार को थाने में बंद कर दिया गया है और पुलिसकर्मी पैसों की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि जब लड़का-लड़की आपसी सहमति से मिले हैं, तो फिर परेशान क्यों किया जा रहा है। लड़की के परिजनों ने लड़के के परिवार को धमकी दी है कि “सबको बराबर कर देंगे”, और लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

मुन्ना अहमद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की लड़की के परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है वह कह रहे हैं कि लड़का लड़की की शादी करवा दो वरना तुम्हें एससी एसटी के केस में अंदर करवा देंगे।

पीड़ित परिवार ने पुलिस पर पक्षपात और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है और प्रशासन से न्याय की मांग की है।

हम शासन-प्रशासन, पुलिस विभाग, और मानवाधिकार आयोग से अपील करते हैं —
इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई हो, और समीर व उसके परिवार को न्याय मिले।

क्योंकि याद रखिए—
अगर आज हम चुप रहे, तो कल किसी और का बेटा निशाना बनेगा।

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