सनातन धर्म अपनाने वाली युवती और हिंदू युवक की आर्य समाज में शादी के बाद उत्पीड़न, सुरक्षा की मांग
अलवर/दिल्ली – राजस्थान के अलवर जिले की एक युवती रुकसाना बानो ने 1 अप्रैल 2025 को अपना नाम बदलकर सपना रखा और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म अपना लिया। इसी दिन उसने हरिओम कोली, निवासी कोली मोहल्ला, पिनान, अलवर से आर्य समाज वैदिक ट्रस्ट, दिल्ली में विधिवत विवाह कर लिया। दोनों बालिग हैं – सपना की जन्मवर्ष 2000 और हरिओम की 1998 है।
हरिओम ने सपना को विवाह के बाद उचित सम्मान और जीवनसाथी की तरह रखा, लेकिन 24 अप्रैल को कथित रूप से सपना के तीन भाई अन्य मुस्लिम तीन बोलेरो वाहनों में भरकर आए और दंपति को धमकाया। हैरानी की बात यह है कि इस घटना की पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई, और वकील ने भी ₹90,000 से अधिक की फीस लेकर मदद नहीं की।
इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि जब लव जिहाद जैसे मुद्दे समाज में चर्चा का केंद्र बने हैं, वहीं एक हिंदू युवक द्वारा मुस्लिम युवती को अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन कराकर सम्मानपूर्वक जीवन देने के प्रयासों को न तो सामाजिक समर्थन मिल रहा है और न ही प्रशासनिक सुरक्षा।
हरिओम और सपना (रुकसाना) दोनों बालिग हैं और भारतीय संविधान उन्हें धर्म चुनने व विवाह करने की स्वतंत्रता देता है। इसके बावजूद, उन्हें डराया जा रहा है, सामाजिक दबाव डाला जा रहा है और प्रशासन मौन है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जिला प्रशासन और महिला आयोग से यह मांग की जा रही है कि वे इस जोड़े को शीघ्र सुरक्षा प्रदान करें और समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करें।
यह मामला न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा है बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे धार्मिक या सामाजिक मान्यताओं के नाम पर युवा दंपतियों के अधिकारों का हनन हो सकता है।
अलवर से स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट