मांधना (मोरनी, पंचकूला)।
हरियाणा के पंचकूला जिले के गांव मांधना की 4000 की आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रही है। सबसे गंभीर समस्या है – गांव को जोड़ने वाली गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल रोड, जो पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। बारिश के बाद यह मार्ग जानलेवा हो गया है, जहां मलबा, कीचड़ और विशाल गड्ढों ने सड़क को ऐसा रूप दे दिया है जैसे विकास यहां पहुंचा ही नहीं।
मौत को दावत देती सड़क, प्रशासन चुप!
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर बुजुर्गों और दुपहिया वाहन चालकों तक सभी खतरे में हैं। लेकिन पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। लोग हैरान हैं कि क्या कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही अधिकारी जागेंगे?
धंसी पुलिया और बंद पाइप – खतरे को दे रहे न्योता
चंडी वास सुक्का खाला क्षेत्र की पुलिया बीते एक साल से धराशायी है। न तो इसकी मरम्मत हुई और न ही कोई अधिकारी अब तक मौका मुआयना करने आया। बरसात में यह पुलिया दलदल में बदल जाती है। निकासी पाइपों की स्थिति भी भयावह है – जाम, टूटी और अव्यवस्थित। इससे गंदा पानी सड़क पर बहता है, जो मलबे और गंदगी के साथ पूरे मार्ग को नर्क बना देता है।
रात में चलना मौत को गले लगाने जैसा
ग्रामीणों के अनुसार इस मार्ग पर स्ट्रीट लाइट्स का अभाव है। गड्ढे और मलबा रात में नजर नहीं आते, जिससे कई बार वाहन फिसल चुके हैं। “ऐसा लगता है जैसे प्रशासन किसी की जान की कीमत भी नहीं समझता,” – गांव के एक बुजुर्ग ने कहा।
ग्रामीणों की चेतावनी – अब सब्र टूटा तो आंदोलन होगा
गांव के दर्शन, अजय, विजय, नवीन, अनुज, पीताम्बर, अनिल, सुरेश, संजीव, अमरजीत, श्याम और गुरनाम सहित दर्जनों ग्रामीणों ने सख्त लहजे में कहा कि अगर जल्दी इस सड़क की मरम्मत नहीं करवाई गई तो वे उपायुक्त पंचकूला को ज्ञापन सौंपकर धरना-प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे केवल चुनावी वादों तक सीमित न रहें, बल्कि मांधना के लोगों को मूलभूत सुविधाएं दिलवाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट