कुक्षी (धार)।
धार ज़िले के कुक्षी क्षेत्र से महिला सुरक्षा पर सवाल उठाने वाला मामला सामने आया है। लक्ष्मी कॉलोनी निवासी 45 वर्षीय किरण भावसार ने ग्राम कटनेरा में रास्ता रोककर छेड़छाड़ करने और जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप सोहन बामनिया निवासी ग्राम रसवा पर लगाया है।
पीड़िता का कहना है कि 20 नवंबर 2024 को जब वह लौट रही थीं, तभी आरोपी ने सरेआम छेड़छाड़ की और बुरी नीयत से शरीर को छूने की कोशिश की। इस दौरान हाथ और कमर पर नाखून से चोट भी आई। शोर मचाने पर आरोपी अपने साथियों संग फरार हो गया।
किरण भावसार ने बताया कि उन्होंने घटना की जानकारी उसी दिन पुलिस चौकी निसरपुर को दी, लेकिन वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में पुलिस अधीक्षक धार और कलेक्टर को भी लिखित आवेदन दिया, बावजूद इसके आज तक आरोपी पर कार्रवाई नहीं की गई।
इसी मामले में उन्होंने आरोप लगाया कि 13 अगस्त 2025 को कुक्षी की सिनेमा चौपाटी पर दो बाइक सवार युवकों ने उन्हें धमकाया कि शिकायत वापस ले लें, वरना जान से मार देंगे। अगले दिन पुराने थाने के पास भी उन्हें धमकाया गया। जब उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय कोर्ट जाने की सलाह दे दी।
पीड़िता का कहना है कि वह लगातार धमकियों के साए में जी रही हैं। “मैंने SP कार्यालय, DSP कार्यालय, 181 हेल्पलाइन और कलेक्टर को भी शिकायत दी, लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला, कार्रवाई नहीं। आरोपी खुलेआम घूम रहा है और मुझे रोज़ धमकियाँ दी जा रही हैं,” उन्होंने कहा।
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि जब आरोपी की पहचान और शिकायत दर्ज होने के बाद भी कार्रवाई न हो, तो महिला सुरक्षा का दावा कितना खोखला साबित होता है।
क्या है पूरा मामला
धार जिले से आई है और सच में महिला सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है।
कुक्षी की रहने वाली 45 वर्षीय किरण भावसार ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 20 नवंबर 2024 को ग्राम कटनेरा में रास्ता रोककर गांव रसवा के रहने वाले सोहन बामनिया ने उनके साथ सरेआम छेड़छाड़ की, बुरी नीयत से शरीर को छूने की कोशिश की और यहां तक कि उनके हाथ और कमर पर नाखून से चोट भी पहुंचाई। शोर मचाने पर आरोपी अपने साथियों संग भाग गया।
अब ज़रा ध्यान दीजिए—पीड़िता उसी समय पुलिस चौकी निसरपुर गईं, फिर एसपी, डीएसपी, कलेक्टर और यहां तक कि 181 महिला हेल्पलाइन तक शिकायत की। लेकिन नतीजा क्या निकला? कार्रवाई शून्य! आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहा है।
इतना ही नहीं, 13 और 14 अगस्त 2025 को पीड़िता को दोबारा धमकाया गया। कुक्षी की सिनेमा चौपाटी और पुराने थाने के पास बाइक सवार युवकों ने कहा—शिकायत वापस ले लो, वरना जान से मार देंगे। और जब महिला थाने पहुँची तो पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय कह दिया—“कोर्ट जाओ।”
अब सवाल यह है कि जब एक महिला लगातार शिकायत कर रही है, आरोपी की पहचान भी साफ है, फिर भी पुलिस कार्रवाई से क्यों बच रही है? क्या किसी महिला को सुरक्षा मांगना अपराध हो गया है?
किरण भावसार का कहना है—“मैं रोज़ धमकियों के साए में जी रही हूँ, लेकिन कोई मेरी सुनवाई करने को तैयार नहीं।”
दोस्तों, यह मामला केवल एक महिला का नहीं है, यह पूरे सिस्टम की नाकामी का आइना है। अगर आज किरण भावसार को न्याय नहीं मिला, तो कल किसी और बहन-बेटी के साथ भी यही हो सकता है।