गोपालगंज (बिहार): जिले के पंच देवी गांव की रहने वाली गीता देवी ने मीडिया से बात करते हुए अपने पति शंभू पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि शंभू पहले बेंगलुरु में काम करता था, लेकिन अब गोरखपुर में अपने घर पर रह रहा है, फिर भी ना तो उनसे कोई संपर्क कर रहा है और ना ही आर्थिक मदद दे रहा।
“अब मैं तीन बच्चों को लेकर कहां जाऊं?” – गीता
गीता देवी ने बताया कि उनके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनकी परवरिश की पूरी जिम्मेदारी अब उन्हीं पर आ गई है। वह किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं और तीनों बच्चों का खर्च अकेले उठाना उनके लिए बेहद कठिन हो गया है। उन्होंने रोते हुए कहा, “शंभू मुझे अपने घर नहीं आने दे रहा, अब मैं तीन बच्चों को लेकर कहां जाऊं?”
शंभू ने जबरदस्ती कर बनाए संबंध, फिर शादी से किया इनकार
गीता देवी ने आरोप लगाया कि शंभू ने उनके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन शादी से इनकार कर दिया। अब वह फरार हो गया है और उन्हें सहारा देने को कोई तैयार नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि शंभू ने उनके फोन से सारे सबूत मिटा दिए, ताकि उस पर कोई कानूनी कार्रवाई न हो सके।
क्या है पूरा मामला
पति के धोखे का शिकार बनी गीता, तीन बच्चों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर, मीडिया के माध्यम से लगाई न्याय की गुहार
गोपालगंज (बिहार): इंसान के लिए सबसे बड़ा सहारा उसका परिवार होता है, लेकिन जब पति ही धोखा दे जाए, तो एक महिला और उसके मासूम बच्चों के लिए जीवन कठिन परीक्षा बन जाता है। पंच देवी गांव की रहने वाली गीता देवी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। उन्होंने मीडिया को अपनी आपबीती सुनाते हुए अपने पति शंभू पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गीता देवी ने बताया कि उनका पति पहले बेंगलुरु में काम करता था, लेकिन अब वह गोरखपुर में अपने घर पर रह रहा है। बावजूद इसके, वह ना तो उनसे संपर्क कर रहा है, ना ही कोई आर्थिक मदद दे रहा। गीता देवी का कहना है कि पति की बेरुखी ने उनके जीवन को अंधकार में धकेल दिया है।
तीन मासूम बच्चों के साथ जिंदगी की जंग लड़ रही गीता
गीता देवी की गोद में तीन मासूम बच्चे हैं, जो अभी बहुत छोटे हैं और पूरी तरह अपनी मां पर निर्भर हैं। पति की गैरमौजूदगी और बेरुखी के कारण उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी पूरी तरह गीता पर आ गई है।
गीता देवी ने रोते हुए बताया,
“मैं किराए के मकान में रहती हूं, जिसका खर्च उठाना बहुत मुश्किल है। ऊपर से तीन छोटे बच्चों की देखभाल और उनके खाने-पीने की व्यवस्था करना मेरे लिए असंभव होता जा रहा है।”
गीता के पास न कोई स्थायी आय का साधन है और न ही कोई सहारा। वह हर दिन बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। उन्होंने कहा,
“मेरे पास अब कोई चारा नहीं बचा है। शंभू मुझे अपने घर नहीं आने दे रहा, अब मैं तीन बच्चों को लेकर कहां जाऊं?”
शंभू ने जबरदस्ती की, शादी का झांसा दिया और फिर छोड़ दिया
गीता देवी ने अपने पति पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि शंभू ने उनके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन शादी नहीं की। शादी का झांसा देकर उनका शारीरिक शोषण किया, और जब तीन बच्चों की जिम्मेदारी आई, तो वह भाग गया।
गीता ने बताया कि शंभू ने अपने बचाव के लिए चालाकी से उनके मोबाइल से सारे सबूत भी मिटा दिए ताकि कोई कानूनी कार्रवाई न हो सके।
गीता ने भावुक होकर कहा,
“अगर वह शादी नहीं करना चाहता था, तो उसने जबरदस्ती क्यों की? अगर उसने बच्चे पैदा किए हैं, तो अब उन्हें क्यों छोड़ दिया?”
प्रशासन से मदद की गुहार, पति की गिरफ्तारी की मांग
अब गीता प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रही हैं। उनका कहना है कि शंभू को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उसे मजबूर किया जाए कि वह उन्हें अपने साथ रखे और बच्चों की जिम्मेदारी उठाए।
गीता ने प्रशासन से अपील की,
“अगर सरकार महिलाओं के हक की बात करती है, तो फिर मुझे इंसाफ क्यों नहीं मिल रहा? मेरे बच्चों को उनका हक कब मिलेगा?”
क्या मिलेगा गीता को न्याय?
गीता की यह आपबीती समाज के उन असंवेदनशील चेहरों को उजागर करती है, जो महिलाओं का शोषण कर उन्हें बेसहारा छोड़ देते हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन इस मामले में कोई सख्त कदम उठाएगा? क्या शंभू को उसकी गलती की सजा मिलेगी? या फिर गीता और उसके तीन मासूम बच्चे इसी तरह बेघर और बेसहारा जिंदगी बिताने को मजबूर रहेंगे?




