वृंदावन/मथुरा, 2 अगस्त:
हाल ही में संत अनिरुद्धाचार्य जी और श्री प्रेमानंद जी महाराज द्वारा महिलाओं के आचरण को लेकर दिए गए एक कथन ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। वायरल हो रहे वीडियो में उन्होंने कहा कि “आजकल कुछ स्त्रियाँ चार जगह मुंह मार रही हैं” – इस कथन को लेकर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी, वहीं उनके समर्थकों ने इसे समाज में बढ़ रही नैतिक गिरावट की ओर इशारा बताया।
भक्तों का कहना है कि यह टिप्पणी किसी पूरी जाति या वर्ग पर नहीं, बल्कि कुछ विशेष स्त्रियों और पुरुषों के अनुचित आचरण के संदर्भ में थी। उनका तर्क है कि आज कई पुरुष भी विवाहेतर संबंधों में लिप्त हैं, और जब एक पुरुष अपनी पत्नी को धोखा देता है तो वह भी चरित्रहीन कहलाता है। ऐसे में संत समाज जब सत्य को उजागर करता है तो समाज को आत्ममंथन करना चाहिए, न कि संतों पर उंगली उठानी चाहिए।
इसी बीच, आज श्रीधाम वृंदावन की पावन भूमि पर आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिली।
राष्ट्रीय प्रवक्ता परम पूज्य श्री गौरव कृष्ण जी महाराज के आगमन पर राधा माधव मंदिर प्रांगण में श्रद्धा और भक्ति की बयार बह उठी।
कौन हैं गौरव कृष्ण जी महाराज?
गौरव कृष्ण जी महाराज वर्तमान समय के अत्यंत लोकप्रिय और ओजस्वी संतों में से एक हैं। वे अपनी ओजस्वी वाणी, शास्त्रीय ज्ञान और सामाजिक समरसता के संदेशों के लिए प्रसिद्ध हैं। श्रीमद्भागवत, रामकथा और गीता जैसे ग्रंथों पर आधारित उनके प्रवचन देश-विदेश में लाखों लोगों को प्रेरित कर चुके हैं।
उनका उद्देश्य समाज में नैतिक मूल्यों की पुनः स्थापना करना, युवाओं को आध्यात्मिक मार्ग पर लाना और भारत की सनातन संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना है। वे न केवल एक आध्यात्मिक प्रवक्ता हैं, बल्कि शिक्षा, सेवा और गौसंवर्धन जैसे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं।
कार्यक्रम में महाराज श्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा,
“मानव जीवन केवल सांसारिक सुख के लिए नहीं, आत्मा की शुद्धि और भगवान के प्रेम की प्राप्ति के लिए है। युवाओं को चाहिए कि वे धर्म, संस्कृति और नैतिकता की राह पकड़ें।”
इस मौके पर वृंदावन के स्थानीय संत, समाजसेवी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ।