गोरखपुर, 7 मई 2025
गोरखपुर जिले के सहजनवां थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़खानी की कोशिश की गई। इस मामले में नामजद आरोपी शुभम गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), न्यायालय संख्या-1, गोरखपुर द्वारा 7 मई को खारिज कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता की मां सुधा देवी, निवासी हड़हा सोनबरसा, थाना सहजनवां ने 26 अप्रैल 2025 को थाना प्रभारी को दी गई तहरीर में बताया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी सुहानी और 16 वर्षीय भतीजी रिशिका एक शादी समारोह से लौट रही थीं। रास्ते में जब वे पानी पीने के लिए एक हैंडपंप पर रुकीं, तभी गांव के ही तीन युवक—शुभम गुप्ता, समीर (पुत्र विजय साहनी) और पिल्लू (पुत्र राजन साहनी) ने दोनों को जबरन बगल के बगीचे में खींच लिया और छेड़छाड़ करने लगे।
शोर मचाने पर तीनों युवक जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। इस मामले में थाना सहजनवां में मुकदमा संख्या 254/2025, धारा 74, 351(2) भा.दं.सं. एवं 7/8 पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
आरोपी शुभम गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताते हुए अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। लेकिन विशेष लोक अभियोजक ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी पर प्रथम दृष्टया साक्ष्य उपलब्ध हैं, जो उसकी संलिप्तता को सिद्ध करते हैं। केस डायरी में दोनों पीड़िताओं के बयान भी आरोपी की भूमिका की पुष्टि करते हैं।
अदालत ने तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और आदेश पारित किया कि वर्तमान विवेचना की स्थिति में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
क्या है पूरा मामला
नाबालिग लड़की और भतीजी के साथ छेड़खानी की कोशिश, आरोपी शुभम गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने की खारिज
गोरखपुर जिले के सहजनवां थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़खानी की कोशिश की गई। इस मामले में नामजद आरोपी शुभम गुप्ता की अग्रिम जमानत याचिका अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट), न्यायालय संख्या-1, गोरखपुर द्वारा 7 मई को खारिज कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़िता की मां सुधा देवी, निवासी हड़हा सोनबरसा, थाना सहजनवां ने 26 अप्रैल 2025 को थाना प्रभारी को दी गई तहरीर में बताया कि उसकी 15 वर्षीय बेटी सुहानी और 16 वर्षीय भतीजी रिशिका एक शादी समारोह से लौट रही थीं। रास्ते में जब वे पानी पीने के लिए एक हैंडपंप पर रुकीं, तभी गांव के ही चार युवक—शुभम गुप्ता, समीर (पुत्र विजय साहनी) राज और पिल्लू (पुत्र राजन साहनी) ने दोनों को जबरन बगल के बगीचे में खींच लिया और छेड़छाड़ करने लगे।
शोर मचाने पर तीनों युवक जान से मारने की धमकी देते हुए मौके से फरार हो गए। इस मामले में थाना सहजनवां में मुकदमा संख्या 254/2025, धारा 74, 351(2) भा.दं.सं. एवं 7/8 पॉक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
आरोपी शुभम गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताते हुए अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। लेकिन विशेष लोक अभियोजक ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि आरोपी पर प्रथम दृष्टया साक्ष्य उपलब्ध हैं, जो उसकी संलिप्तता को सिद्ध करते हैं। केस डायरी में दोनों पीड़िताओं के बयान भी आरोपी की भूमिका की पुष्टि करते हैं।
अदालत ने तथ्यों व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी और आदेश पारित किया कि वर्तमान विवेचना की स्थिति में अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।