नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र में रहने वाली शीला देवी (पत्नी स्वर्गीय रामनिवास) ने अपने बेटे रिंकू (34 वर्ष) की संदिग्ध मौत के मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस के द्वारका जिला उपायुक्त को विस्तृत शिकायत सौंपी है।
शीला देवी का कहना है कि उनके बेटे की मौत आत्महत्या नहीं बल्कि पूर्व नियोजित हत्या है, जिसमें उनकी पुत्रवधू ईला, उसके प्रेमी संदीप (निवासी कैर गांव, नजफगढ़) और ईला का उसके परिवार के सदस्य संलिप्त हैं। जबकि पुत्रवधू ईला का भाई अनिष सिर्फ धमकी देता था। शिकायत में कहा गया है कि मृतक का नाबालिग बेटा दिव्यांश प्रत्यक्षदर्शी है और उसका बयान उच्च अधिकारी या न्यायिक अधिकारी के समक्ष दर्ज होना चाहिए।
आरोपों की पृष्ठभूमि
2018 में रिंकू की शादी ईला से हुई थी। शीला देवी ने आरोप लगाया कि शादी के कुछ महीनों बाद ही ईला का व्यवहार संदिग्ध हो गया।
कई बार ईला बिना बताए घर छोड़कर चली जाती थी और उसके कथित अवैध संबंधों के चलते परिवार में कलह बढ़ती गई।
रिंकू ने अपनी पत्नी को कई बार प्रेमी संदीप के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा। इसके बाद ईला ने उल्टे उस पर थाने में झूठी शिकायत दर्ज कराई।
शीला देवी ने आरोप लगाया कि ईला ने संदीप से संबंधों के चलते गर्भपात भी कराया, जिसकी जांच जरूरी है।
संदिग्ध मौत और पुलिस पर लापरवाही का आरोप
11 जुलाई 2025 की रात रिंकू की मौत हुई। ईला ने फोन पर शीला देवी को बताया कि उनके बेटे ने फांसी लगा ली है। लेकिन मृतक की मां का दावा है कि पड़ोसियों ने झगड़े और चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनी थीं, जिससे हत्या का शक और गहरा होता है।
शीला देवी ने यह भी आरोप लगाया कि:
पुलिस ने पोस्टमार्टम में देरी और अनियमितताएं बरतीं।
शव पर गले के निशान नहीं थे, जबकि छाती पर लाल निशान स्पष्ट दिख रहे थे।
पोस्टमार्टम से पहले शव पर टोकन नंबर या लेबल तक नहीं था।
बयान लेने के दौरान पुलिस ने उनके हस्ताक्षर जबरन करवाए और पढ़कर नहीं सुनाए।
शीला देवी की प्रमुख मांगें
1. ईला और संदीप पर हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. ईला द्वारा कराए गए गर्भपात और उसके अवैध संबंधों की गहराई से जांच हो।
3. नाबालिग पोते दिव्यांश के बयान को न्यायिक अधिकारी के समक्ष दर्ज कराया जाए।
4. पोस्टमार्टम प्रक्रिया में हुई लापरवाही की स्वतंत्र जांच हो।
5. उनकी और पोते की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
6. अब तक की गई पूरी कार्रवाई की लिखित जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई जाए।
शिकायत की प्रतिलिपि उच्च अधिकारियों को भी भेजी
इस मामले की शिकायत की प्रतियां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, दिल्ली पुलिस आयुक्त, राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सहित 22 विभागों और अधिकारियों को भेजी गई हैं।
दिल्ली में फांसी लगाकर युवक की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा
नई दिल्ली। द्वारका के बाबा हरिदास नगर थाना क्षेत्र के नजफगढ़ इलाके में रहने वाले 32 वर्षीय रिंकू पुत्र रामनिवास ने कथित तौर पर 12 जुलाई की रात अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवारजन ने रिंकू को तुरंत राव तुला राम मेमोरियल अस्पताल, जाफरपुर पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने सुबह 3:10 बजे उसे मृत घोषित कर दिया।
सरकारी आदेश के बाद सफदरजंग अस्पताल में 15 जुलाई को मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम किया गया। रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि रिंकू की मौत गले में फंदा लगने से हुई। गले पर 20 सेंटीमीटर लंबा अधूरा लिगेचर मार्क पाया गया। रिपोर्ट में मृत्यु का कारण “फांसी के कारण श्वासावरोध” बताया गया है।
पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने शरीर पर बने अस्थायी टैटू और अन्य पहचान चिन्हों के आधार पर शव की पुष्टि की। रिंकू के दाहिने हाथ पर हरे रंग की स्याही से “मां” लिखा हुआ अस्थायी टैटू पाया गया, जबकि बाएँ हाथ पर दिल का निशान और “I Love You” लिखा हुआ था।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि मृतक के दोनों गुर्दे “हॉर्स शू किडनी” की दुर्लभ स्थिति में जुड़े हुए थे। शव से आवश्यक अंग और नमूने जांच के लिए संरक्षित कर पुलिस को सौंपे गए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रिंकू के शव को उसके पैतृक गाँव दोहर खुर्द, महेंद्रगढ़ (हरियाणा) ले जाया गया, जहाँ अंतिम संस्कार किया गया।
शीला देवी ने मीडिया के माध्यम से अपील की है कि उनके बेटे की मौत को आत्महत्या का रूप देकर दबाने की बजाय निष्पक्ष जांच की जाए, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और उन्हें न्याय मिल सके।