जलगांव के यावल तालुका में मधुमक्खियों का हमला, दो बच्चे गंभीर रूप से घायल
यावल, जलगांव: महाराष्ट्र के जलगांव जिले के यावल तालुका के परसाडे गांव में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। गांव के पास इमली के पेड़ के नीचे खेल रहे दो नाबालिग बच्चों पर आग्या बैताड मधुमक्खियों ने अचानक हमला कर दिया। इस हमले में दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए यावल ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया।
खेलते-खेलते हुआ हादसा
घटना उस समय हुई जब 13 वर्षीय शेखर सरफराज तडवी और 15 वर्षीय ज्ञानेश्वर रोहिदास सोनवणे गांव के पास एक इमली के पेड़ के नीचे बैठकर खेल रहे थे। उसी पेड़ पर आग्या बैताड मधुमक्खियों का एक बड़ा छत्ता था, जिसे अनजाने में छेड़ दिया गया। इससे गुस्साई मधुमक्खियों ने दोनों बच्चों पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले से बच्चे बुरी तरह घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे, लेकिन मधुमक्खियों के झुंड ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और कई जगह डंक मार दिए।
गांववालों ने दिखाई तत्परता
बच्चों की चीख-पुकार सुनकर गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्हें बचाने की कोशिश की। मधुमक्खियों के हमले से बचाने के लिए ग्रामीणों ने धुआं किया और धीरे-धीरे मधुमक्खियों को वहां से हटाया। किसी तरह बच्चों को वहां से सुरक्षित निकाला गया और तुरंत यावल ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में इलाज जारी
यावल ग्रामीण अस्पताल में डॉ. हर्ष पटेल और उनके सहायक परिचालक बागुल ब्रदर जॉन ने बच्चों का प्राथमिक उपचार किया। उनके शरीर पर कई जगह मधुमक्खियों के डंक के निशान पाए गए, जिससे सूजन और जलन हो रही थी। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों की स्थिति अब स्थिर है, लेकिन उन्हें कुछ दिनों तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाएगा।
गांव के लोगों की सराहनीय मदद
इस घटना के बाद गांव के लोग बच्चों की मदद के लिए आगे आए। ग्रामसेवक मजीत आप्पा, उपसरपंच सुलेमान काना तडवी, हसन साहेबु तडवी, दिलीप श्रावण सोनवणे, रामचंद्र बळीराम सावळे, कमाल कान्हा तडवी, मुबारक, महेबूब रुबाब तडवी, दीपक सुरेश पाटील, सरफराज तडवी, राजू तडवी, जाकिर तडवी और अण्णा सोनवणे सहित अन्य नागरिकों ने बच्चों को अस्पताल पहुंचाने और उनके इलाज में मदद की।
ग्रामीणों ने प्रशासन से की सुरक्षा की मांग
गांववालों ने इस घटना के बाद प्रशासन से मांग की है कि पेड़ों पर मौजूद मधुमक्खियों के बड़े छत्तों को हटाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी है। पेड़ों पर मधुमक्खियों के छत्ते होने पर सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर बच्चों को ऐसे स्थानों से दूर रहने की सलाह दी जानी चाहिए। प्रशासन और वन विभाग को भी इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
(रिपोर्ट बशीर परमान तड़वी: ई खबर मीडिया, जिला जलगांव)