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उज्जैन के नरसिंघ घाट के पास स्थित भारत सेवक मंदिर देशभक्तों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान योगदानकर्ताओं को समर्पित है।

उज्जैन के नरसिंघ घाट के पास स्थित भारत सेवक मंदिर देशभक्तों, स्वतंत्रता सेनानियों और देश के महान योगदानकर्ताओं को समर्पित है। यहां 21 परमवीर चक्र पाने वाले सैनिकों, खेल, कला, शिक्षा और राजनीति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों की प्रतिमाएं और उनकी जीवन कथा प्रदर्शित की गई हैं। रिटायर्ड जज दान सिंह चौधरी ने 2008 में अपने निजी खर्च से यह मंदिर बनवाया था।
21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि

मंदिर में सबसे पहले 21 परमवीर चक्र प्राप्त सैनिकों की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इसके साथ ही आज़ाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, शिक्षा क्षेत्र के डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, नोबेल विजेता रवींद्रनाथ टैगोर और संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाएं भी यहां मौजूद हैं।

खेल और सिने जगत के महानायकों को सम्मान

सैनिकों के अलावा खेल जगत के लिए मेजर ध्यानचंद, सिने जगत के लिए दादा साहेब फाल्के की प्रतिमा स्थापित की गई हैं। ये सभी देश की सेवा और उपलब्धियों के प्रतीक हैं।

राजनीति और नेतृत्व में योगदान

राजनीति और नेतृत्व क्षेत्र में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, प्रथम लोकसभा अध्यक्ष मावलणकर, प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा की प्रतिमाएं भी मंदिर में रखी गई हैं। मंदिर में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों को भी देश के नक्शे पर दर्शाया गया है।
परिवार के सदस्य कर रहें देखभाल

रिटायर्ड जज दान सिंह चौधरी ने यह मंदिर बनाने का उद्देश्य टूटती हुई प्रतिमाओं को सुरक्षित रखना और आने वाले लोगों को देशभक्तों की वीरता और योगदान से परिचित कराना बताया। मंदिर की देखभाल उनके परिवार के सदस्य संजय कुमार चौधरी, सुनीता चौधरी, डॉ. रजनी चौधरी, डॉ. अनुराधा चौधरी, ज्योति चौधरी और प्रवीण चौधरी कर रहे हैं।

ई खबर मीडिया से समीर शाह की रिपोर्ट

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सड़क विहीन लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द गांव: महिलाएं–बच्चे फंसे दलदल में, स्कूल जाना हुआ नामुमकिन – ग्रामीण बोले, “कब जागेगा प्रशासन?” स्थान: श्रावस्ती। थाना सिरसिया। पूरा पता: गांव – लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द शिवगढ़, थाना – सिरसिया, तहसील – बहराइच, जिला – श्रावस्ती (पूर्व में बस्ती), उत्तर प्रदेश। सड़क न होने से मुसीबत श्रावस्ती जिले के लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द शिवगढ़ गांव के हालात बद से बदतर हैं। गांव में सड़क तक नहीं बनी है, जिससे लोगों को आने-जाने में भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल से हालात और बिगड़ जाते हैं। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान गांव के लोग बताते हैं कि रास्ते इतने खराब हैं कि बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। महिलाएं और बुजुर्ग रोजमर्रा की ज़रूरतों के लिए भी घर से निकलने से डरते हैं। कीचड़ और फिसलन की वजह से किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है। 27 वर्षीय अजमत ख़ां, पिता ननकू ख़ां, जो इसी गांव के रहने वाले हैं, ने भास्कर को बताया – “गांव में सड़क न होने से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और महिलाओं को झेलनी पड़ रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे, बुजुर्ग और बीमार लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हालात जस के तस हैं।” पूरे गांव की यही स्थिति ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया। गांव के हर मोहल्ले और गली की यही हालत है। बरसात में घर से निकलना मानो जान जोखिम में डालने जैसा है। प्रशासन की लापरवाही पर सवाल लोगों का कहना है कि सरकार योजनाओं के दावे तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। सड़क न होने से गांव विकास से कट गया है और ग्रामीण मजबूरी में गंदगी और दलदल से गुजरने को विवश है अब सवाल यह है – आखिर कब तक लक्ष्मणपुर मझवा खुर्द गांव के लोग सड़क और बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहेंगे? कब बच्चों को सुरक्षित रास्ता और महिलाओं को राहत मिलेगी? और क्या किसी बड़े हादसे के बाद ही जिम्मेदार विभाग जागेगा?