भोपाल। राजधानी भोपाल में फर्जी कॉल सेंटर ठगी मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता सामने आने के बाद बड़ा एक्शन लिया गया है। ऐशबाग थाना प्रभारी (टीआई) जितेंद्र गढ़वाल सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने एएसआई पवन रघुवंशी के घर पर छापा मारकर रिश्वत के पांच लाख रुपये बरामद किए हैं और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड मोईन खान, पुलिस से बचाने की हो रही थी कोशिश
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ऐशबाग के प्रभात चौराहे पर संचालित एक फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड मोईन खान है, जो टीकमगढ़ का रहने वाला है और साइबर ठगी का बड़ा नाम है। मोईन देशभर के साइबर ठगों को बैंक खाते और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। उसके नेटवर्क की जड़ें प्रदेश के बाहर तक फैली हुई हैं।
मोईन खान को गिरफ्तार करने के बजाय ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, एएसआई मनोज कुमार और हवलदार धर्मेंद्र सिंह उसे बचाने में जुटे थे। इस मामले में रिश्वत की बड़ी डील की गई थी, जिसमें एएसआई पवन रघुवंशी ने 25 लाख रुपये में सौदा तय किया था।
रिश्वत की पहली किस्त लेते रंगे हाथ पकड़े गए पुलिसकर्मी
जानकारी के मुताबिक, मोईन खान ने तय सौदे के तहत पहली किस्त के रूप में पांच लाख रुपये एएसआई पवन रघुवंशी को देने के लिए भोपाल पहुंचा था। इस दौरान जहांगीराबाद एसीपी सुरभि मौणा को एएसआई की गतिविधियां संदिग्ध लगीं, जिसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच को निगरानी में लगा दिया।
बुधवार सुबह प्रभात चौराहे पर जब मोईन खान ने पवन रघुवंशी को रिश्वत की रकम दी, तो पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। साथ ही, पवन रघुवंशी के घर छापा मारकर रिश्वत के पूरे पांच लाख रुपये बरामद कर लिए गए। पूछताछ में पवन ने खुलासा किया कि इस साजिश में ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई मनोज कुमार और हवलदार धर्मेंद्र सिंह भी शामिल थे।
पुलिस कमिश्नर ने की त्वरित कार्रवाई, चार पुलिसकर्मी निलंबित
मामला सामने आने के बाद भोपाल पुलिस कमिश्नर ने सख्त कार्रवाई करते हुए ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल, एएसआई पवन रघुवंशी, एएसआई मनोज कुमार और हवलदार धर्मेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही, एएसआई पवन रघुवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
कॉल सेंटर में काम करने वाली लड़कियों की शिकायत से खुली पोल
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाली तीन लड़कियां पुलिस के पास पहुंचीं और शिकायत की कि उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस पर ऐशबाग पुलिस ने कॉल सेंटर पर छापा मारा और वहां से 25 सिम कार्ड का एक बॉक्स बरामद किया।
जांच में सामने आया कि इस कॉल सेंटर का संचालन अफजल खान कर रहा था और उसके मोबाइल नंबर तथा बैंक खातों का उपयोग महाराष्ट्र में हुई साइबर ठगी में किया गया था। पुलिस ने पहले अफजल के बेटे को पकड़ा लेकिन बाद में छोड़ दिया। जब उच्च अधिकारियों ने निर्देश दिया, तो ऐशबाग पुलिस ने अफजल खान और उसकी बेटी पर एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया।
भोपाल में साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क का खुलासा
भोपाल में साइबर ठगी का यह मामला कोई साधारण घटना नहीं है। टीकमगढ़ निवासी मोईन खान का नेटवर्क पूरे प्रदेश में फैला हुआ था। वह प्रदेश के बाहर के साइबर ठगों को बैंक खातों और सिम कार्ड उपलब्ध कराता था। इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करने में जहांगीराबाद एसीपी सुरभि मौणा की सतर्कता और क्राइम ब्रांच की मुस्तैदी महत्वपूर्ण रही।
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिन पर है, वही अगर अपराधियों से सांठगांठ कर रिश्वतखोरी में लिप्त होंगे, तो कानून व्यवस्था कैसे कायम रहेगी? जनता और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कड़ी सजा सुनिश्चित की जाए।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस मामले में आगे क्या कदम उठाता है और भोपाल में साइबर ठगी के इस बड़े नेटवर्क की जड़ें कितनी गहरी हैं।