बिलवा देवी के बेटे की जिंदगी बचाने की पुकार – आइए एक मां की ममता को सहारा दें
आज आपके सामने एक ऐसे परिवार की पीड़ा लेकर आया हूँ, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। झारखंड के हजारीबाग जिले के गोविंदपुर कलां पंचायत के चरम्मबा गांव की रहने वाली एक मां — बिलवा देवी, अपने 16 वर्षीय बेटे घमचान महतो के इलाज के लिए हर दरवाज़े पर मदद की गुहार लगा रही हैं। उनके बेटे को कैंसर है — वो बीमारी जो किसी भी मां-बाप के जीवन का सबसे बड़ा डर होती है।
पिछले तीन वर्षों से उनका परिवार रोज़ भूखा-प्यासा रहकर भी बेटे की जान बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अब हालात ऐसे हो गए हैं कि इलाज जारी रखना उनके लिए नामुमकिन हो गया है। बिलवा देवी और उनके पति सोमर महतो के पास न कोई ज़मीन है, न कोई कमाई का ठिकाना। अब उनके पास एक ही सहारा बचा है — समाज की मदद, हमारी मदद, आपकी मदद।
आपसे निवेदन है कि अगर आप इस मां के आंसू पोंछ सकते हैं, इस बेटे की जिंदगी में फिर से रौशनी ला सकते हैं, तो जरूर सहयोग करें।
बिलवा देवी का बैंक विवरण नीचे दिया गया है:
बैंक का नाम: झारखंड ग्रामीण बैंक
सीआईएफ नंबर: 34051070623
खाता संख्या: 84061021297
IFSC कोड: SBINORRVCGB
ग्राहक का नाम: बिलवा देवी
पता: 66, चरम्मबा, गोविंदपुर कलां, जिला हजारीबाग, झारखंड, पिन: 825312
आप उनसे सीधा संपर्क भी कर सकते हैं:
मोहन महतो – 8169392845
सहदेव महतो – 6380604704
भागीरथ महतो – 7070185936
क्या है पूरा मामला
झारखंड की बिलवा देवी की आर्थिक मदद के लिए आगे आएं, कैंसर पीड़ित बेटे के इलाज के लिए परिवार ने लगाई गुहार
हजारीबाग, झारखंड: गोविंदपुर कलां पंचायत के चरम्मबा गांव की रहने वाली बिलवा देवी, पति सोमर महतो (उम्र 56 वर्ष) की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। उनका परिवार पिछले तीन वर्षों से गहरे संकट से जूझ रहा है। उनके 16 वर्षीय बेटे घमचान महतो को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है, जिसका इलाज बेहद महंगा है।
बिलवा देवी और उनके पति सोमर महतो अपने बेटे के इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। अब उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार और समाजसेवियों से आर्थिक सहायता की अपील की है। उनका कहना है कि इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं और अब केवल समाज की मदद ही उनके बेटे की जान बचा सकती है।
इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाइए। एक छोटा-सा योगदान, एक मां की जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा बन सकता है।
आइए, इस बच्चे को कैंसर से जीतने में मदद करें। आइए, इंसानियत को ज़िंदा रखें।
हर मदद एक जीवन का संबल बन सकती है।




