खंडासा ब्लॉक, थाना कुमारगंज (अयोध्या):
ग्राम घोड़वल निवासी राम उजेरे पुत्र स्व. बबुली ने प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है कि उन्होंने पाँच देवी से खरीदी गई जमीन पर सरकारी नाला निर्माण कार्य के दौरान उनकी भूमि और दरवाजे के पास से नाला निकाला जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें किसी भी सरकारी कार्य से आपत्ति नहीं है, लेकिन नाला निर्माण से पहले सरहद की पैमाइश अवश्य करवाई जाए, जिससे विवाद की स्थिति न बने।
राम उजेरे के साथ ही गांव के अन्य मजदूर परिवारों ने भी प्रधान विजय कुमार यादव पर पक्षपात का आरोप लगाया है। ग्रामीणों के अनुसार उनके पास खुद की कोई खेती नहीं है और वे मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। अब उनके घर के सामने नाला निर्माण किया जा रहा है, जबकि मांग है कि पहले भूमि का सही सीमांकन किया जाए और फिर नाला बनाया जाए।
शिकायतकर्ता अमित कुमार ने बताया कि उन्हें बिना किसी ठोस कार्रवाई के बार-बार चौकी बुलाया जा रहा है, जबकि विपक्षी पक्ष को तलब ही नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चौकी पर उन्हें बोलने तक नहीं दिया जाता और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
अमित कुमार ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और समाधान की मांग करते हुए कहा कि क्या गरीब होना ही उनका अपराध है? उन्होंने सवाल उठाया, “क्या मैं आपको पागल लगता हूं जो मेरी बात नहीं सुनी जा रही?”
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि नाला निर्माण से पहले सही तरीके से सरहद की पहचान कर, सभी पक्षों को बुलाकर पारदर्शी तरीके से निर्णय लिया जाए।
क्या है पूरा मामला
घोड़वल में नाला निर्माण को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश, सीमांकन की मांग पर अड़े लोग
खंडासा ब्लॉक, थाना कुमारगंज (अयोध्या):
ग्राम घोड़वल में चल रहे नाला निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। राम उजेरे पुत्र स्व. बबुली ने प्रशासन को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि पाँच देवी से खरीदी गई भूमि पर बिना सीमांकन के नाला निकाला जा रहा है, जिससे उनका दरवाजा और निजी भूमि प्रभावित हो रही है।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि उन्हें सरकारी कार्य से आपत्ति नहीं है, लेकिन सरहद की पैमाइश कर पारदर्शी ढंग से कार्य किया जाए। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले गांव के अन्य परिवारों ने प्रधान विजय कुमार यादव पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
शिकायतकर्ता अमित कुमार ने बताया कि उन्हें बार-बार चौकी बुलाया जाता है, लेकिन विपक्षी को नहीं तलब किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चौकी पर बोलने तक नहीं दिया जाता, जिससे मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है। अमित ने मीडिया से भावुक अपील की: “क्या गरीब होना ही गुनाह है? हमें सिर्फ इंसाफ चाहिए।”
ग्रामीणों की मांग है कि नाला निर्माण से पहले सीमांकन कर सभी पक्षों की उपस्थिति में निष्पक्ष निर्णय लिया जाए।