बहराइच निवासी छंगू तिवारी, जिन्होंने 5 मई को अपनी मर्जी से एक मुस्लिम युवती सना परवीन से विवाह किया था, अब गंभीर पारिवारिक और सामाजिक दबाव का सामना कर रहे हैं। सना परवीन की उम्र मात्र 19 वर्ष है और दोनों ने पारस्परिक सहमति से विवाह किया था। लेकिन इस विवाह को युवती के परिजन स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
जानकारी के अनुसार, 24 मई को सना परवीन के परिवार वाले अचानक आकर उसे अपने साथ जबरन ले गए। छंगू तिवारी का कहना है कि युवती को धमकाया जा रहा है और परिजन कह रहे हैं, “हम उसे मार डालेंगे लेकिन तुम्हारे साथ नहीं रहने देंगे।”
छंगू तिवारी ने प्रशासन से इस मामले में सुरक्षा और न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि यह विवाह दोनों की रजामंदी से हुआ है और अब सना परवीन की जान को खतरा है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह मामला साम्प्रदायिक भेदभाव और जबरदस्ती की ओर इशारा करता है, जहाँ एक बालिग लड़की को उसकी मर्जी के खिलाफ रोका जा रहा है।
परिवार की चुप्पी और पुलिस की भूमिका पर सवाल
सना के परिवार से इस संबंध में कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। वहीं, अब तक की पुलिस कार्रवाई को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। छंगू तिवारी ने स्थानीय पुलिस प्रशासन से युवती की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है और माँग की है कि लड़की को अदालत के समक्ष पेश कर उसकी मर्जी जानी जाए।
यह मामला प्रेम विवाह, साम्प्रदायिक भेदभाव और महिला की स्वतंत्रता के गंभीर सवाल खड़े करता है। देखना यह है कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी संवेदनशीलता और निष्पक्षता से सुलझाता है।