आज आपके सामने एक बेहद गंभीर और दर्दनाक घटना लेकर आया हूँ। ये सिर्फ एक हमला नहीं, ये हमारे संविधान, हमारी आस्था और इंसानियत पर हमला है।
इनायतनगर, अयोध्या के ग्राम अस्थना में रहने वाले 60 वर्षीय दलित बुजुर्ग धमसादीन जी और उनकी पत्नी सुशीला जी, अपने ही घर में भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ करते थे। लेकिन उनकी यही आस्था, कुछ लोगों को नागवार गुज़री।
3 अप्रैल 2025 की रात को और फिर 1 मई को — इन दोनों तारीखों को इनका जीवन बदल गया।
पहले तो जातिसूचक गालियाँ दी गईं, फिर मारपीट की गई, और आखिरकार — त्रिशूल घोंपकर जान लेने की कोशिश की गई। इतना ही नहीं, घर के मंदिर में रखे शिवलिंग को लात मारकर तोड़ दिया गया।
सोचिए, उस देश में जहां ‘सर्वधर्म समभाव’ की बात की जाती है, वहां एक बुजुर्ग दलित दंपती को अपने ही घर में पूजा करने पर मारा-पीटा जाता है।
आरोपियों के नाम भी पीड़ित ने साफ-साफ बताए — ओमप्रकाश, उसके बेटे हिमांशु और रामबाबू, उसकी पत्नी और 3-4 अन्य लोग। मुकदमा भी दर्ज हो गया — लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई।
क्यों?
क्या इसलिए कि वे उच्च जाति से हैं?
क्या इसलिए कि पीड़ित दलित हैं?
धमसादीन जी की आंख की रोशनी तक चली गई है। उनकी पत्नी को भी पीटा गया। उन्हें खुलेआम धमकियाँ दी जा रही हैं कि अगर दोबारा पूजा-पाठ किया तो जान से मार दिया जाएगा।
राजेश कुमार ने मीडिया से कहा — “हमें अपने ही घर में पूजा नहीं करने दी जाती। अगर करते हैं, तो गालियाँ मिलती हैं, धमकियाँ मिलती हैं, और मारपीट होती है। हमारी बस एक ही गुहार है — हमें हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा चाहिए।
क्या है पूरा मामला
पूजा-पाठ कर रहे वृद्ध दलित दंपती पर जानलेवा हमला, शिवलिंग तोड़ा, त्रिशूल घोंपा — आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग
इनायतनगर (अयोध्या)। ग्राम अस्थना निवासी 60 वर्षीय अनुसूचित जाति के बुजुर्ग धमसादीन पुत्र स्व. शिवराम ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया है कि वे अपनी वृद्ध पत्नी के साथ घर में स्थित देवस्थान पर भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ में लीन रहते हैं। इसी को लेकर उच्च जाति के कुछ लोगों ने लगातार उन्हें प्रताड़ित करना शुरू कर दिया है।
धमसादीन ने बताया कि 3 अप्रैल 2025 की रात लगभग 10 बजे विपक्षीगण ओमप्रकाश पुत्र वृजलाल, उसके पुत्रगण हिमांशु व रामबाबू, उसकी पत्नी तथा अन्य 3-4 अज्ञात लोगों ने मिलकर उनके घर पर चढ़ाई की और जातिसूचक गालियाँ देते हुए प्राणघातक हमला किया। विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की गई और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया।
शिकायत पर थाना इनायतनगर में मु.अ.सं. 145/2025 धारा 191(2), 115(2), 352, 351, 333 बीएनएसएस 2023 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, परंतु आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है।
इसके बाद 1 मई 2025 की रात 8 बजे जब वे फिर से पूजा कर रहे थे, तब आरोपी पुनः पहुंचे और मारपीट करते हुए शिवलिंग को लात मारकर तोड़ दिया। धमसादीन पर त्रिशूल से वार किया गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और बेहोश होकर गिर पड़े। उनकी आंख की रोशनी पर असर पड़ा और जान जाने की नौबत आ गई। उनकी पत्नी सुशीला को भी मारा-पीटा गया और जान से मारने की धमकी दी गई।
राजेश कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कि हमें अपने ही घर में पूजा पाठ नहीं करने देते अगर करते हैं तो हमें जान से मारने की धमकियां देते हैं और मारपीट करते हैं गाली-गलौज करते हैं और जाति सूचक गालियां देते हैं मेरी मीडिया के माध्यम से यही गुहार है कि हमारी मदद की जाए और हमारे परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए और हमें हमारा संवैधानिक अधिकार जो पूजा पाठ का है हमें अपने घर में पूजा पाठ करने दी जाए।
धमसादीन ने आरोप लगाया कि विपक्षीगण का दबदबा इतना है कि स्थानीय पुलिस भी उनके पक्ष में कार्य नहीं कर रही, जिससे आरोपियों के हौसले और बढ़ गए हैं। पीड़ित ने पुलिस प्रशासन से जान-माल की सुरक्षा की मांग करते हुए पूजा-पाठ में विघ्न डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। तो अब सवाल आपसे है — क्या हम इस अन्याय पर चुप रहेंगे?
मेरी इस माध्यम से प्रशासन से मांग है —
1. आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
2. पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए।
3. स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता की जांच हो।
4. हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार सुनिश्चित किया जाए।
हमारा धर्म, हमारी आस्था, और हमारा संविधान — तीनों का सम्मान होना चाहिए।