गाजियाबाद जिले के थाना इंदिरापुरम क्षेत्र के रहने वाले 60 वर्षीय दिव्यांग ब्रह्म प्रकाश एक अत्यंत ही दर्दनाक स्थिति में जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं। ब्रह्म प्रकाश ने अपनी पत्नी मीरा देवी और अपने दो बच्चों — पुत्र गौरव और पुत्री पूनम — पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनकी पत्नी और बच्चों ने उन्हें न सिर्फ मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया बल्कि उन्हें उनके ही घर से बेदखल कर दिया गया और उनकी जमीन पर भी जबरन कब्जा कर लिया गया है।
ब्रह्म प्रकाश के अनुसार, उनकी पत्नी मीरा देवी उन्हें लगातार अपमानित करती हैं, गाली-गलौज करती हैं और खाना-पानी तक देने से इनकार करती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण अवसर — अपनी बेटी की शादी — में भी आमंत्रित नहीं किया गया। उन्हें न शादी का स्थान बताया गया, न ही शादी की कोई जानकारी दी गई।
इतना ही नहीं, ब्रह्म प्रकाश ने आरोप लगाया कि मीरा देवी के दो भाई — बल्ले और महेंद्र — भी उन्हें बार-बार धमकाते हैं और मारने की धमकी देते हुए घर से निकाल चुके हैं। इन सबके चलते ब्रह्म प्रकाश को न केवल मानसिक कष्ट झेलना पड़ रहा है, बल्कि वह शारीरिक रूप से भी बेहद कमजोर हो चुके हैं। वह पहले से ही पैरालिसिस का शिकार हैं और अब ऐसी अवस्था में सड़कों पर सोने और भीख मांगकर खाने को मजबूर हैं।
ब्रह्म प्रकाश की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। एक समय था जब उनका अपना घर और जमीन थी, लेकिन आज वह छत के लिए मोहताज हैं। स्थानीय प्रशासन और समाज के जिम्मेदार लोगों से उन्होंने मदद की गुहार लगाई है, लेकिन अब तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है।
यह मामला न केवल पारिवारिक अत्याचार का उदाहरण है, बल्कि यह प्रशासन और समाज के संवेदनहीन रवैये पर भी सवाल खड़े करता है। एक बुजुर्ग, दिव्यांग व्यक्ति को इस स्थिति में जीवन जीने को मजबूर करना, हमारे सामाजिक ताने-बाने के लिए एक शर्मनाक स्थिति है।
ब्रह्म प्रकाश की अपील है कि प्रशासन इस मामले में संज्ञान ले, उन्हें न्याय दिलाए और उनके जीवन को फिर से सम्मानपूर्वक जीने लायक बनाए।