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दिव्यांग भाई पर दबंगों का कहर: सरेआम लाठी-डंडों से पीटा, पुलिस 12 दिन से फाइल दबाए बैठी

बदायूं (उझानी)।
जिला बदायूं के उझानी थाना क्षेत्र के संजरपुर वालजीत गांव में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। यहां के निवासी दिव्यांग युवक अजीत कुमार को गांव के ही दबंगों ने सरेआम बेरहमी से पीट दिया। लाठी-डंडों से की गई इस बर्बर पिटाई में अजीत गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि घटना को बीते 12 दिन हो गए, फिर भी पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

घटना की पूरी कहानी
पीड़ित के बड़े भाई सुनील कुमार ने थाना उझानी में दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि 4 जुलाई 2025 को दोपहर करीब 2 बजे, उनके दिव्यांग छोटे भाई अजीत कुमार को गांव के ही दबंग सोमवीर पुत्र स्व. अशर्फीलाल, उसके बेटे सोनू और महेन्द्र ने भगवानदेवी नामक महिला के साथ मिलकर बुरी तरह पीटा। आरोप है कि यह हमला उस समय हुआ जब घर के बाहर पानी भराव को लेकर मामूली कहासुनी हुई थी।

सुनील कुमार का कहना है कि आरोपियों ने पहले बहस की और फिर मिलकर अजीत पर लात-घूंसे, लाठी-डंडों से टूट पड़े। हमला इतना क्रूर था कि अजीत के शरीर पर गंभीर चोटें आईं। आनन-फानन में परिवार वालों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज जारी है। मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी जा चुकी है।

थाने में सुनवाई नहीं, फाइल दबा दी गई
सुनील कुमार ने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कराए 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। “थाने के चक्कर काटते-काटते थक गया हूं। हर बार यही जवाब मिलता है—‘टेंशन मत लो, कार्रवाई चल रही है।’ लेकिन हकीकत ये है कि कोई कार्रवाई नहीं हो रही। फाइल बस निकालकर रख दी गई है।”

पीड़ित परिवार की स्थिति बेहद दयनीय
अजीत कुमार दिव्यांग हैं। उनके पिता स्वर्गीय गुल्लन की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। मां विद्या देवी, चार भाई और दो बहनों के इस परिवार का जीवन संघर्षों से भरा है। सुनील खुद परिवार का पालन-पोषण करता है। अब भाई पर हुए हमले ने उन्हें मानसिक रूप से भी तोड़ दिया है।

क्या कहती है कानून व्यवस्था?
पुलिस के रवैये को लेकर ग्रामीणों में भी आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब एक दिव्यांग युवक पर हमला करने वालों को खुली छूट मिल रही है तो आम नागरिक कैसे सुरक्षित रह सकते हैं? सवाल ये भी है कि जब शिकायत दर्ज हो चुकी है, मेडिकल रिपोर्ट भी मौजूद है, फिर पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही?

अब क्या चाहते हैं पीड़ित परिजन?
सुनील कुमार का साफ कहना है—”मुझे अपने भाई के लिए न्याय चाहिए। जिन्होंने मेरे भाई को जान से मारने की कोशिश की, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती तो मैं जिला अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक न्याय की गुहार लगाऊंगा।”

न्याय की उम्मीद में बैठा एक भाई और पीड़ा में कराहता एक दिव्यांग युवक… सवाल यही है कि बदायूं पुलिस कब जागेगी?

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

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