आजमगढ़, उत्तर प्रदेश:
समाज की बंदिशों को तोड़ते हुए आजमगढ़ जिले की 19 वर्षीय मनीषा और उसकी करीबी मित्र रागनी ने एक-दूसरे से जीवनभर साथ निभाने की कसम खा ली है। दोनों युवतियों ने स्थानीय मंदिर में विधि-विधान से शादी कर ली है और अब एक साथ रह रही हैं। लेकिन उनका यह साहसी कदम उनके परिवारवालों को नागवार गुजर रहा है। मनीषा और रागनी का कहना है कि उन्हें अपने-अपने घरों से मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।
मंदिर में सात फेरे लेकर बनी जीवनसाथी
मनीषा और रागनी की दोस्ती पिछले तीन सालों से है। दोनों एक-दूसरे को बेहद पसंद करने लगीं और वक्त के साथ उनका रिश्ता गहरा होता गया। समाज में भले ही यह रिश्ता असामान्य समझा जाए, लेकिन दोनों का मानना है कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती। यही वजह रही कि दोनों ने एक दिन मंदिर में जाकर पंडित के सामने सात फेरे लिए और एक-दूसरे को जीवनभर साथ निभाने का वचन दिया।
परिवार का विरोध, लगातार मिल रही धमकियां
शादी के बाद दोनों को उनके घरवालों ने स्वीकार नहीं किया। उल्टे उन्हें धमकियां और ताने दिए जा रहे हैं। मनीषा और रागनी का कहना है कि उन्हें जान से मारने तक की धमकियां मिल रही हैं। उन्हें डर है कि कहीं समाज या परिवार का दबाव उनकी जिंदगी तबाह न कर दे।
प्रशासन और समाज से अपील
दोनों लड़कियों ने प्रशासन से अपील की है कि उन्हें सुरक्षा दी जाए और एक साथ रहने की अनुमति मिले। उनका कहना है कि वे एक-दूसरे के बिना नहीं रह सकतीं और अपने जीवन के फैसले लेने का उन्हें पूरा हक है।
कानूनी पहलू
भारत में समलैंगिक संबंध अब अपराध नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में धारा 377 को निरस्त कर समलैंगिकता को मान्यता दी। हालांकि, अभी समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली है, लेकिन दो बालिग़ अपनी मर्जी से साथ रह सकते हैं। ऐसे में मनीषा और रागनी को कानूनन साथ रहने से रोका नहीं जा सकता।
मनीषा और रागनी की यह कहानी समाज के लिए एक बड़ा संदेश है — कि प्यार किसी लैंगिक पहचान का मोहताज नहीं होता। दोनों ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है और अब उन्हें ज़रूरत है समाज और प्रशासन के सहयोग की।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट




