रामगढ़. तहसील रामगढ़ के ग्राम पंचायत जयचंदपुरा के दलेर गांव में वर्षों से अपनी जमीन की सीमारेखा तय कराने के लिए किसान कालूराम गुर्जर न्याय के दरवाजे खटखटा रहे हैं। कालूराम गुर्जर, जिनके पिता स्वर्गीय हनुमान गुर्जर थे, ने वर्ष 2018 से पटवारी गिरदावरी को सीमांकन (नपती) के लिए आवेदन दे रखा था। लेकिन विवाद की स्थिति में फैसला होने के बाद पांच साल तक मामला फाइलों में दबा रहा।
किसान के अनुसार, वर्ष 2023 तक सीमांकन की प्रक्रिया अधूरी ही रही। इसके बाद 18 जून 2025 को एसडीएम रामगढ़ ने डीमार्केशन यानी पत्थरगड़ी के आदेश पारित कर दिए। किसान को उम्मीद बंधी कि अब वर्षों पुराना विवाद खत्म होने के बाद उसकी जमीन की नपती होगी। प्रशासन ने 8 जुलाई को पत्थरगड़ी की तिथि तय की। लेकिन तय तिथि पर भी मौके पर काम नहीं होगा ऐसा बताया गया है।
किसान कालूराम गुर्जर ने जयचंदपुरा में जब पत्थरगड़ी की अगली तिथि की जानकारी ली तो बताया गया कि अब कार्य अक्टूबर में किया जाएगा। किसान ने बताया कि “तारीख पर तारीख मिल रही है लेकिन समाधान नहीं। अब तक न जाने कितनी बार तहसील और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट चुका हूं।”
किसान के अनुसार जमीन छः बीघा पक्की है, लेकिन सीमांकन न होने से आसपास के किसानों गोपाल, महादेव, सुरज्ञान सिंह, भगवान सहाय, गिरधारी और गिरधारी की मां मंनगरी के साथ सीमा विवाद की नपती होनी है। बार-बार टीम न आने से तनाव की स्थिति बनी रहती है।
पटवारी ने कहा- अपनी टीम ले आओ, तभी कर पाएंगे नपती
किसान ने आरोप लगाया कि जब वे पत्थरगड़ी कराने के लिए पटवारी से मिले तो कहा गया कि अपनी ओर से मजदूरों की टीम का इंतजाम करो, तभी सीमांकन हो सकेगा। किसान ने सवाल उठाया कि जब एसडीएम साहब का आदेश हो चुका है तो फिर उसे लागू कराने में अड़चने क्यों पैदा की जा रही हैं।
अब अक्टूबर में संभावित कार्रवाई, किसान का धैर्य टूटा
अधिकारियों द्वारा कार्रवाई अक्टूबर तक टाल दिए जाने से किसान बेहद परेशान है। उन्होंने कहा कि “सालों से लड़ते-लड़ते थक गया हूं। हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया जाता है। पता नहीं, जमीन पर पत्थरगड़ी के लिए और कितने दिन इंतजार करना पड़ेगा।”
किसान कालूराम ने प्रशासन से मांग की है कि आदेश का तत्काल पालन कर सीमांकन की कार्रवाई पूरी कराई जाए ताकि विवाद समाप्त हो और उन्हें राहत मिल सके।
(रिपोर्ट – ईखबर संवाददाता, रामगढ़)