सहरसा। बिहार के सहरसा जिले की रहने वाली सुधा देवी के साथ हुई कथित आर्थिक धोखाधड़ी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सुधा देवी ने समस्ता फाइनेंस कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने अपना पूरा लोन चुका दिया, बावजूद इसके उनके ऊपर 38 हजार रुपये का बकाया दिखाया जा रहा है।
कंपनी ने खराब किया सिविल स्कोर, नहीं मिल रहा कोई नया लोन
सुधा देवी के अनुसार, उन्होंने अक्टूबर 2022 में समस्ता फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था और जून 2024 तक पूरा भुगतान कर दिया। उन्होंने कंपनी से नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NOC) भी प्राप्त कर लिया था, जिससे यह साबित होता है कि उन पर कोई बकाया नहीं है। लेकिन जब उन्होंने अन्य वित्तीय संस्थाओं से लोन लेने की कोशिश की, तो उन्हें बताया गया कि उनका सिविल स्कोर खराब हो गया है और समस्ता फाइनेंस अभी भी उनके नाम पर बकाया लोन दिखा रही है।
आर्थिक संकट में फंसी सुधा देवी, लगाया गंभीर आरोप
सुधा देवी ने रोते हुए बताया कि इस आर्थिक संकट की वजह से उनके परिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि समस्ता फाइनेंस कंपनी ने जानबूझकर उनके कर्ज को नहीं हटाया, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति बिगड़ती जा रही है।
मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार
सुधा देवी ने मीडिया के सामने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “मैं सरकार और प्रशासन से अपील करती हूं कि इस फाइनेंस कंपनी पर सख्त कार्रवाई हो। कंपनी पर जुर्माना लगाया जाए और मेरा गलत तरीके से दिखाया गया बकाया लोन तुरंत माफ किया जाए। साथ ही, इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की ठगी का शिकार न हो।”
परिवार का भविष्य अधर में, प्रशासन कब करेगा कार्रवाई?
सुधा देवी के पति सुबाष कुमार यादव, जो सहरसा जिले के ग्राम – शंकरनाथपट्टी बलूआहा, वार्ड नंबर-12, पोस्ट ऑफिस – सहरसा के निवासी हैं, ने भी प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि उनकी पत्नी ने ईमानदारी से लोन चुकाया, फिर भी कंपनी की लापरवाही की वजह से उन्हें मानसिक और आर्थिक यातना झेलनी पड़ रही है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या समस्ता फाइनेंस कंपनी पर कोई कार्रवाई होगी? या फिर सुधा देवी को इसी आर्थिक संकट में जीवन बिताने पर मजबूर होना पड़ेगा?