हरदोई, उत्तर प्रदेश:
थाना बेनीगंज क्षेत्र के ग्राम थोक कबूलपुर निवासी श्यामा कुमार ने आरोप लगाया है कि उनकी पुत्री भोली की दहेज प्रताड़ना के चलते 18 अप्रैल 2025 को मृत्यु हो गई, लेकिन अब तक पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की है। पीड़ित पिता ने मामले में FIR दर्ज कराने हेतु पुलिस अधीक्षक हरदोई व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है।
श्यामा कुमार के अनुसार, उनकी पुत्री भोली का विवाह 09 दिसंबर 2020 को ग्राम सांक थाना सण्डीला के निवासी धीरेन्द्र पाण्डेय से हुआ था। शादी में पांच लाख रुपये नकद, मोटरसाइकिल, और अन्य उपहार दिए गए थे, बावजूद इसके ससुराल पक्ष चार पहिया वाहन की मांग को लेकर निरंतर भोली को प्रताड़ित करता रहा। उन्होंने बताया कि भोली ने प्रताड़ना से तंग आकर 1076 पर शिकायत भी दर्ज कराई थी।
आरोप है कि विपक्षीगण – पति धीरेन्द्र पाण्डेय, ससुर सुरेन्द्र पाण्डेय, सास गुड़िया, देवर ज्ञानेन्द्र उर्फ छोटू, ननद स्तुति उर्फ रिया व श्रीमती ऋचा पाण्डेय भोली को आए दिन भूखा रखते, मारते-पीटते और मानसिक प्रताड़ना देते थे। एक बार उसे कथित रूप से दूध में निरमा पाउडर मिलाकर पिलाया गया जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई और लीवर खराब हो गया।
15 अप्रैल 2025 को भोली को मायके वालों ने जिला अस्पताल हरदोई में भर्ती कराया। बाद में ससुराल पक्ष के लोग उसे जबरन लखनऊ ले गए और इलाज के दौरान 18 अप्रैल को उसकी मौत हो गई। श्यामा कुमार का आरोप है कि अगले दिन सूचना देने के बाद ससुराल वालों ने जल्दबाजी में गंगा घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया और उन्हें बेटी का चेहरा तक नहीं देखने दिया।
पीड़ित पिता ने बताया कि स्थानीय थाने पर शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई और जांच अधिकारी ने रिपोर्ट में मामले को निराधार बताते हुए शिकायत को निस्तारित कर दिया। श्यामा कुमार का कहना है कि जांच रिपोर्ट में कई तथ्य असत्य दर्शाए गए हैं – जैसे शव का गांव में अंतिम संस्कार होना और जेवर उनके पास होना, जबकि दोनों बातें गलत हैं।
श्यामा कुमार ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दोषियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह धरना प्रदर्शन को मजबूर होंगे।
पूरा मामला विस्तार से – श्यामा कुमार की बेटी भोली की संदिग्ध मौत का मामला
यह मामला उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई के थाना सण्डीला क्षेत्र के ग्राम सांक से जुड़ा हुआ है, जिसमें ग्राम थोक कबूलपुर, थाना बेनीगंज, हरदोई निवासी श्यामा कुमार ने गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी बेटी भोली की मौत को दहेज हत्या बताया है। श्यामा कुमार का कहना है कि उसकी बेटी भोली की शादी 09 दिसंबर 2020 को धीरेन्द्र पाण्डेय पुत्र सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय निवासी ग्राम सांक से हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार की गई थी। शादी में ₹5 लाख नकद, उपहार स्वरूप मोटरसाइकिल व अन्य सामान दिया गया, बावजूद इसके ससुराल पक्ष के लोग संतुष्ट नहीं थे और लगातार अतिरिक्त दहेज की मांग करते रहे।
आरोपों का सिलसिला:
शादी के कुछ ही समय बाद भोली को ससुराल में दहेज के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। चारपहिया वाहन की मांग को लेकर भोली के साथ मारपीट की जाती थी, उसे भूखा-प्यासा रखा जाता और बुरी तरह से उत्पीड़न किया जाता था। भोली जब मायके आती थी तो सारी व्यथा अपने पिता श्यामा कुमार को बताती थी। श्यामा कुमार के अनुसार उन्होंने कई बार समझौते और समझाने की कोशिश की, यहां तक कि 1076 पर शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी।
बीमारी और मौत:
प्रार्थी का आरोप है कि विपक्षीगण (ससुराल पक्ष) ने भोली को दूध में निरमा पाउडर मिलाकर पिलाया जिससे उसकी तबियत और लीवर खराब हो गया। गंभीर स्थिति में भोली को जिला अस्पताल हरदोई में भर्ती कराया गया। वहां से उसे लखनऊ रेफर किया गया जहां यूनाइटेड अस्पताल में इलाज चला। इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों ने इलाज में कोई सहयोग नहीं किया। इसके बाद भोली को जबरन एरा अस्पताल ले जाया गया जहां 18 अप्रैल 2025 को उसकी मौत हो गई।
आरोप- अंतिम संस्कार भी बिना सूचना के
प्रार्थी श्यामा कुमार का आरोप है कि भोली की मृत्यु की सूचना ससुराल पक्ष ने 19 अप्रैल 2025 को दी, यानी एक दिन बाद। जब तक श्यामा कुमार व उनके परिजन ग्राम सांक पहुँचे, तब तक भोली का अंतिम संस्कार गंगा घाट पर कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि ससुराल वालों ने जानबूझकर उन्हें समय पर सूचना नहीं दी और अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने दिया। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई तो उन्हें गाली-गलौज कर धमकाया गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई।
पुलिस जांच पर सवाल
श्यामा कुमार ने थाना सण्डीला में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में उन्होंने पुलिस अधीक्षक हरदोई को ऑनलाइन शिकायत (संदर्भ संख्या- 20015525018921) दी। मामले की जांच उपनिरीक्षक शमशेर अहमद द्वारा की गई। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि भोली अपने मायके में थी, इलाज भी मायके वालों ने कराया और मौत के समय ससुराल पक्ष ने पूरा सहयोग किया, अंतिम संस्कार भी ससुराल वालों ने किया, मायके पक्ष वहां मौजूद नहीं था।
इस रिपोर्ट पर श्यामा कुमार ने आपत्ति जताते हुए कहा कि:
भोली को जबरन एरा अस्पताल ले जाया गया, यूनाइटेड अस्पताल में इलाज प्रार्थी खुद करा रहा था।
मृत्यु के बाद सूचना जानबूझकर देर से दी गई, ताकि वे अंतिम संस्कार में न पहुँच सकें।
जांच रिपोर्ट में दावा किया गया कि भोली का अंतिम संस्कार गांव में हुआ, जबकि शव को गंगा घाट ले जाकर जलाया गया।
जेवर मायके वालों के पास बताया गया, जो पूर्णतः असत्य है।
मुख्यमंत्री से भी लगाई गुहार
थाना व जिला स्तर पर कार्रवाई न होने के चलते श्यामा कुमार ने मामले को मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के समक्ष भी प्रस्तुत किया है और मांग की है कि:
भोली की संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच की जाए,
दोषी ससुराल पक्ष के लोगों के विरुद्ध दहेज हत्या की धाराओं में FIR दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
श्यामा कुमार ने स्पष्ट कहा है कि उनकी बेटी भोली की मौत एक सोची-समझी साजिश और लंबे समय तक चली दहेज प्रताड़ना का नतीजा है, और ससुराल पक्ष के लोग इस जघन्य अपराध में संलिप्त हैं।