उज्जैन सिंहस्थ में भीड़ प्रबंधन बड़ी चुनौती रहने वाली है। इसे ध्यान में रखते हुए सड़कों के विस्तार के अलावा पुल-पुलियाओं के निर्माण पर भी जोर हैं। लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की सेतु शाखा करीब 474 करोड़ की लागत से 19 ब्रिज का निर्माण करवाने जा रही है। इस राशि में भू-अर्जन, मुआवजा और निर्माण आदि के खर्च शामिल हैं। पिछले 2016 के सिंहस्थ में भी 14 ब्रिज का निर्माण हुआ था, जिनसे भीड़ प्रबंधन में काफी मदद मिली थी। हैरानी यह कि अभी 19 में से केवल 2 ही ब्रिज के काम चल रहे हैं। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बारिश बाद सभी के काम तेजी से होने लगेंगे और समय रहते इन्हें पूर्ण कर लिया जाएगा।
पिछले 2016 के सिंहस्थ में करीब 8 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार ये संख्या बढ़कर 25 से 30 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। इसे ध्यान में रखते हुए शहर की आंतरिक सड़कों के अलावा शहर के चारों तरफ की अन्य जिलों से कनेक्टिविटी वाली सड़कों का विस्तार भी किया जा रहा है। भीड़ प्रबंधन और सुगम यातायात के लिए कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए इस बार छोटे-बड़े कुल 19 ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इनके सभी के लिए शासन के स्वीकृति हो गई हैं। वहीं अधिकारियों ने भी साफ कर दिया है कि अब इनके अलावा उनके पास कोई नया प्रस्ताव भी नहीं है। बहरहाल इन स्वीकृत ब्रिजों को समय सीमा में पूरा करवा पाना ही जिम्मेदारों के लिए चुनौती रहने वाला है, क्योंकि करीब 32 महीने बाद सिंहस्थ है। फ्रीगंज ब्रिज का मिट्टी परीक्षण हो चुका है।
बारिश बाद सभी निर्माण शुरू कर समय सीमा में होंगे पूरे
करीब 474 करोड़ की लागत से 19 ब्रिज का निर्माण किया जाना है। इस राशि में भू-अर्जन, मुआवजा और निर्माण आदि के खर्च भी शामिल हैं। इनमें से अभी दो ब्रिज का काम चल रहा है। बारिश बाद सभी के काम तेजी से शुरू कर समय सीमा में पूर्ण करेंगे। पीएस पंत, सेतु निर्माण शाखा, कार्यपालन यंत्री
ई खबर मीडिया से समीर शाह की रिपोर्ट