सीतामढ़ी। जिले के चोरौत अंचल में ज़मीन कब्जे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भूमाफिया और असामाजिक तत्वों ने खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए एक पीड़ित परिवार की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया, जबकि सरकारी दस्तावेज़ साफ तौर पर यह साबित कर रहे हैं कि ज़मीन का असली मालिक कोई और है। पीड़ित देवचंद्र चौधरी, निवासी ग्राम चोरौत टोला, अमनपुर, ने जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि उनकी जमीन को तुरंत मुक्त कराया जाए, लेकिन प्रशासन की सुस्ती के चलते अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
सरकारी दस्तावेज भी फेल, प्रशासन पर गंभीर आरोप
पीड़ित देवचंद्र चौधरी ने बताया कि खाता संख्या 1041, खेसरा संख्या 24863 (रकवा 03 डी०) एवं खेसरा संख्या 24865 (रकवा 16 डी०) की मापी कराने के लिए उन्होंने 25 जून 2022 को ₹2500 की राशि अंचल अमीन के निर्देशानुसार जमा की थी। इसके बाद 2 अगस्त 2022 को अंचल अधिकारी द्वारा मापी कर सीमांकन भी किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, जमीन पूरी तरह से देवचंद्र चौधरी की है, लेकिन स्थानीय दबंगों और भूमाफियाओं ने इसकी बेखौफ तरीके से कब्जा कर लिया।
सेवानिवृत्त शिक्षक पर गंभीर आरोप, बेटों के साथ मिलकर कब्जा करने का आरोप
पीड़ित ने सेवानिवृत्त शिक्षक राम नारायण चौधरी पर सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने बेटों—मुकेश चौधरी और राकेश चौधरी—के साथ मिलकर उनकी जमीन को हड़प लिया। यही नहीं, स्थानीय असामाजिक तत्वों और गुंडों के साथ गठजोड़ कर वे पीड़ित को धमकियां दे रहे हैं और कानूनी कार्रवाई करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे रहे हैं।
“हमारा परिवार दहशत में, नौकरी छोड़कर घर बचाने में जुटे हैं” – पीड़ित
देवचंद्र चौधरी का परिवार दिल्ली में निजी नौकरी करता है, लेकिन जमीन कब्जे के कारण उन्हें बार-बार गांव आकर संघर्ष करना पड़ रहा है। पीड़ित का कहना है कि कभी नौकरी की चिंता तो कभी असामाजिक तत्वों की धमकी—हमारा जीवन नरक बन गया है।
भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
पीड़ित परिवार का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन भ्रष्टाचार के कारण दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत के चलते असामाजिक तत्व बेखौफ होकर खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं।
मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार
पीड़ित देवचंद्र चौधरी ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से अपील की है कि जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई कर उनकी जमीन मुक्त कराई जाए और अपराधियों को सज़ा दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।