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कोटा में वन विभाग की बड़ी साजिश का खुलासा: ठगी, धमकी और हमला, पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार

कोटा (राजस्थान)। कोटा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों की ठगी, जान से मारने की धमकी और हमले जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। बंधा धर्मपुरा के निवासी शैतान गुर्जर और महावीर गुर्जर ने कोटा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें सरकारी कामों के नाम पर झांसा देकर लाखों की सामग्री डलवाई गई और बाद में ना केवल भुगतान से इनकार किया गया बल्कि खुलेआम धमकियां और हमला किया गया।

पीड़ितों के अनुसार, करीब एक वर्ष पूर्व लाड़पुरा रेंज के वनपाल हरेंद्र बना और क्षेत्रीय वन अधिकारी इन्द्रराज सिंह यादव ने देवली नर्सरी, स्मृति स्थल, लाड़पुरा रेंज और कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे मिट्टी, पानी, रेती और डस्ट मंगवाई। लगातार पर्चियां देकर भरोसे में लिया गया कि भुगतान जल्द होगा, लेकिन जब भुगतान की मांग की गई तो धमकी दी गई कि झूठे केस में फंसा देंगे और गाड़ियाँ जब्त करवा देंगे।

हमला सरेआम, जान बचाकर भागे पीड़ित 26 अप्रैल को जैसे ही दोनों पीड़ित आरोपियों से मिलने हाड़ौती कॉलोनी पहुंचे, वहां रणजीत खान, महेन्द्र सिंह टोडावत सहित 10-15 लोगों ने मिलकर उन पर जानलेवा हमला कर दिया। लाठी-डंडों और घूंसों से जमकर पिटाई की गई, जिससे शैतान गुर्जर गंभीर रूप से घायल हो गए और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा। महावीर गुर्जर किसी तरह जान बचाकर भागे।

‘रिलीव नहीं करना खुद ही सवाल खड़ा करता है’ महावीर गुर्जर ने मीडिया को बताया कि आरोपियों इन्द्रराज यादव और हरेंद्र बना का ट्रांसफर हो चुका है, बावजूद इसके उन्हें अभी तक रिलीव नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएफओ या अन्य वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर इन्हें पद पर बनाए हुए हैं, जिससे साफ संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं और लेन-देन की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

पीड़ितों की मांग: दोषियों की हो गिरफ्तारी शैतान गुर्जर और महावीर गुर्जर ने पुलिस से अपील की है कि इस साजिश के तहत ठगी, धमकी और हमले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हो।

अब जनता भी मांग रही जवाब मामला अब शहर भर में चर्चा का विषय बन चुका है। आम लोग पूछ रहे हैं कि आखिर सरकारी विभागों में बैठे भ्रष्ट अधिकारी कब तक जनता के विश्वास का गला घोंटते रहेंगे?बताया:
अखबार में यह लिखा है कि इन्द्रेश यादव रेजर व नाका वन पाल हरेंद्र सिंह बना इन दोनो का ट्रांसफर हो रखा है फिर भी वन विभाग को इन लोगों से क्या लालच है फिर भी इनको अभी तक रिलीव नहीं किया या तो डी एफ ओ साहब या वन विभाग के अधिकारीयो पैसा जा रहा है। यही वजह हो सकती है कि इन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

कोटा में वन विभाग की बड़ी साजिश का खुलासा: ठगी, धमकी और हमला, पीड़ितों ने लगाई न्याय की गुहार

कोटा (राजस्थान)। कोटा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें वन विभाग के अधिकारियों पर करोड़ों की ठगी, जान से मारने की धमकी और हमले जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। बंधा धर्मपुरा के निवासी शैतान गुर्जर और महावीर गुर्जर ने कोटा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें सरकारी कामों के नाम पर झांसा देकर लाखों की सामग्री डलवाई गई और बाद में ना केवल भुगतान से इनकार किया गया बल्कि खुलेआम धमकियां और हमला किया गया।

पीड़ितों के अनुसार, करीब एक वर्ष पूर्व लाड़पुरा रेंज के वनपाल हरेंद्र बना और क्षेत्रीय वन अधिकारी इन्द्रराज सिंह यादव ने देवली नर्सरी, स्मृति स्थल, लाड़पुरा रेंज और कोटा यूनिवर्सिटी के पीछे मिट्टी, पानी, रेती और डस्ट मंगवाई। लगातार पर्चियां देकर भरोसे में लिया गया कि भुगतान जल्द होगा, लेकिन जब भुगतान की मांग की गई तो धमकी दी गई कि झूठे केस में फंसा देंगे और गाड़ियाँ जब्त करवा देंगे।

हमला सरेआम, जान बचाकर भागे पीड़ित 26 अप्रैल को जैसे ही दोनों पीड़ित आरोपियों से मिलने हाड़ौती कॉलोनी पहुंचे, वहां रणजीत खान, महेन्द्र सिंह टोडावत सहित 10-15 लोगों ने मिलकर उन पर जानलेवा हमला कर दिया। लाठी-डंडों और घूंसों से जमकर पिटाई की गई, जिससे शैतान गुर्जर गंभीर रूप से घायल हो गए और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा। महावीर गुर्जर किसी तरह जान बचाकर भागे।

‘रिलीव नहीं करना खुद ही सवाल खड़ा करता है’ महावीर गुर्जर ने मीडिया को बताया कि आरोपियों इन्द्रराज यादव और हरेंद्र बना का ट्रांसफर हो चुका है, बावजूद इसके उन्हें अभी तक रिलीव नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीएफओ या अन्य वरिष्ठ अधिकारी जानबूझकर इन्हें पद पर बनाए हुए हैं, जिससे साफ संकेत मिलता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं और लेन-देन की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

पीड़ितों की मांग: दोषियों की हो गिरफ्तारी शैतान गुर्जर और महावीर गुर्जर ने पुलिस से अपील की है कि इस साजिश के तहत ठगी, धमकी और हमले के दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज हो।

अब जनता भी मांग रही जवाब मामला अब शहर भर में चर्चा का विषय बन चुका है। आम लोग पूछ रहे हैं कि आखिर सरकारी विभागों में बैठे भ्रष्ट अधिकारी कब तक जनता के विश्वास का गला घोंटते रहेंगे?

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