मेरठ पुलिस लाइन में तीन साल तक बनाया खाना, अब शासन से न्याय की गुहार
मुजफ्फरनगर | संवाददाता
मुजफ्फरनगर जिले के ग्राम सिसौली निवासी गौरव कुमार बालियान पुत्र श्री संहन्सरपाल ने शासन-प्रशासन से सरकारी नौकरी की मांग की है। गौरव का कहना है कि वह एक सड़क हादसे में स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं और अब खाना बनाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं कर सकते। उनका कहना है कि अगर सरकार उन्हें किसी विभाग में खाना बनाने का स्थायी कार्य दे दे, तो वे अपने परिवार का ठीक से पालन-पोषण कर सकेंगे।
2022 में हादसे ने बदल दी जिंदगी
गौरव ने बताया कि वर्ष 2022 में बागोवाली चौकी के पास उनका गंभीर एक्सीडेंट हुआ, जिसमें उनके पैर में गंभीर चोटें आईं और शरीर के कई हिस्से जख्मी हो गए। उन्होंने इस संबंध में थाना नई मंडी में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें अंकित मलिक, रोहित, तरुण, तुषार दरोगा, समीर, राजेंद्र दरोगा और इंस्पेक्टर सौरभ समेत कई लोगों के नाम शामिल हैं।
दुर्घटना के बाद गौरव का कहना है कि उनके इलाज पर करीब 10 लाख रुपये खर्च हो गए और इलाज के दौरान वे शारीरिक रूप से विकलांग हो गए।
मेरठ पुलिस लाइन में तीन साल किया था खाना बनाने का काम
गौरव बताते हैं कि दुर्घटना से पहले उन्होंने मेरठ पुलिस लाइन में तीन वर्षों तक रसोइया (खाना बनाने) का कार्य किया था। वे इस कार्य में निपुण हैं, परंतु हादसे के बाद जब उन्होंने वापस नौकरी की गुजारिश की, तो अधिकारियों ने उन्हें काम पर रखने से मना कर दिया।
गौरव ने कहा,
“मैं अब शारीरिक रूप से इतना सक्षम नहीं हूं कि कोई दूसरा काम कर सकूं। मुझे सिर्फ खाना बनाना ही आता है। अगर सरकार मुझे किसी थाने, पुलिस लाइन या सरकारी विभाग में स्थायी रूप से नियुक्त कर दे, तो मेरा परिवार भूखों मरने से बच जाएगा।”
शासन आदेश के बावजूद नहीं मिली नौकरी
गौरव का कहना है कि उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री पोर्टल और उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर अपनी स्थिति बताई है। यहां तक कि शासन से आदेश आने के बावजूद स्थानीय स्तर पर उन्हें काम पर नहीं रखा गया।
जब वे आदेश की प्रति लेकर पहुंचे, तो उन्हें यह कहकर भगा दिया गया कि —
“ऐसे पत्र तो रोज आते हैं, हम किस-किस को रखें।”
गौरव ने यह भी आरोप लगाया कि उनसे अवैध धन की मांग की जाती है और विरोध करने पर उन्हें धमकियां दी जाती हैं।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा है परिवार
गौरव ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। वे बेरोजगार हैं, पत्नी और बच्चों का पालन-पोषण मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि यदि शासन ने उनकी सहायता नहीं की, तो वे
“न्याय न मिलने पर आत्महत्या करने को मजबूर होंगे”,
जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
CBCID जांच की मांग
गौरव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया है कि वर्ष 2021 से 2025 तक की सभी जांचें CBCID या SOG के माध्यम से कराई जाएं, ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
प्रशासन ने कहा – मामला संज्ञान में है
स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला शासन के संज्ञान में है और संबंधित विभाग से रिपोर्ट मांगी जा रही है। जांच के बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।
हालांकि गौरव का कहना है कि उन्होंने अब तक दर्जनों आवेदन और प्रार्थना पत्र दिए, लेकिन इतने आवेदन देने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है।




